लखनऊ। एससी-एसटी के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आज 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया है। इसे लेकर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि बहुत हुआ अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये जनआंदोलन केंद्र और राज्य सरकार के लिए स्पष्ट संदेश है। अब बहुजन समाज ‘फूट डालो राज करो’ की साजिश को कामयाब नहीं होने देगा।

चंद्रशेखर आजाद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- आज का ये जनआंदोलन केन्द्र व राज्य सरकारों के लिये स्पष्ट सन्देश है कि अब बहुजन समाज ‘फूट डालो राज करो’ की साजिश को कामयाब नहीं होने देगा। एक तरफ SC-ST में क्रीमीलेयर खोजते हो दूसरी तरफ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में हमारे जजों को गायब कर देते हों, NFS बताकर आरक्षित वर्ग की सीटें खाली छोड़ देते हो, एकल पद बताकर आरक्षण खत्म कर देते हो और अब हमें आपस में लड़ाने की साजिश भी करते हो। कान खोलकर सुन लो आरक्षण और संविधान विरोधियों धन-धरती और राजपाट में संख्याबल के आधार पर जो हमारा हक बैठता है, अब वो देना ही होगा।

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उन्होंने आगे लिखा कि, मैंने संसद में ललकारा था आज समाज सड़कों पर ललकार रहा है। बहुत हुआ, अब बहुजनों के अधिकारों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी तरह का हमला हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं राज्य सरकारों से भी कहना चाहता हूं कि आज बहुजन समाज अपने अधिकारों के लिये मजबूर होकर सड़कों पर आया है, तो राज्य सरकारें भी कानून व्यवस्था मजबूत कर, शांतिपूर्वक आंदोलन में मदद करें, कोई भी सरकार अगर हमारे साथ साजिश करेगी तो उसको भविष्य में अपनी कुर्सी गवानी पड़ेगी मेरे यह शब्द याद रखना। जय भीम, जय भारत, जय मंडल, जय जोहर, जय संविधान। #21_अगस्तभारतबंद_हैं

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाया था। जिसमें कहा था था कि ‘सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां ज्यादा पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले, ये दोनों जातियां SC में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं।

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इन लोगों के उत्थान के लिए राज्‍य सरकारें SC-ST आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।’ SC ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ ही राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी और कहा कि राज्य सरकारें मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं। इसमें भी दो शर्त लागू होंगी। पहली ये कि SC के भीतर किसी एक जाति को 100 प्रतिशत कोटा नहीं दे सकतीं। दूसरी ये कि एससी में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए। इस फैसले के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी समेत कई पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया हैं।