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उत्तर प्रदेश पुलिस अक्सर चर्चा में रहती है. कभी एनकाउण्टर को लेकर तो कभी अपने कारनामों को लेकर. वहीं एक बार फिर से यूपी पुलिस चर्चा में और इसकी वजह एक वायरल हो रहा वीडियो है.
दरअसल, पूरा मामला सुलतानपुर जिले का है. जहां ढोल नगाड़ों की आवाज सुनकर जब ग्रामीण घरों से बाहर निकले तो उन्हें वहां पुलिस टीम मौजूद मिली. पता चला यह बारात नहीं बल्कि अभियुक्त के जिला बदर की कार्रवाई की प्रक्रिया है. पुलिस भी अजीब है. जहां एक नगाड़े वाले से काम चल सकता था तो वहीं दो नगाड़े वालों को लेकर पुलिस गांव पहुंच गई.
एक बारगी तो ग्रामीणों को लगा कि किसी दूल्हे की बारात पुलिस अभिरक्षा में निकल रही, लेकिन लाउडस्पीकर से एनाउंस होते ही सारी जिज्ञासा समाप्त हो गई. पुलिस ने जिलाधिकारी महोदय का नोट पढ़कर मुनादी कराई तो हर कोई हैरान हो गया. अभियुक्त मौके से नदारद मिला, लेकिन पुलिस की पुलिस की न्यायिक प्रक्रिया से इलाके के लोग खासा प्रभावित हुए और उन्होंने बेहतर पुलिसिंग की तारीफ की.
बता दें कि 20 फरवरी को जिलाधिकारी सुल्तानपुर कुमार हर्ष के बीते माह 15 जनवरी के आदेश के अनुपालन में जिला बदर अभियुक्त मुनिराज निषाद उर्फ मुनिराम पुत्र मोती लाल निषाद निवासी काछा भिटौरा, थाना मोतिगरपुर सुल्तानपुर के घर पर मुनादी कराके जिला बदर आदेश का तामीला कराया गया.
वहीं दूसरी मुनादी कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के पूरे मितई अमहट जिलाबदर अभियुक्त मोनू वर्मा उर्फ विवेक वर्मा के यहां कराई गई. पुलिस गांवों में जाकर डुगडुगी पीटकर मुनादी करते हुए अभियुक्तों के जिला बदर होने की सूचना दी.
पुलिस ने ग्रामीणों से की अपील
पुलिस ने लोगों से अपील किया कि जिलाबदर अपराधी यदि आपके गांव या आसपास लुक-छिपकर निवास कर रहे हो तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को देने का कष्ट करें. गौरतलब है कि दोनों अपराधियों पर तकरीबन आधा-आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं.
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