लखनऊ। इन्वेस्ट यूपी और डिफेंस कॉरिडोर घोटाले में फंसे निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को आखिरकार चार्जशीट थमा दी गई है। 400 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे इन्वेस्ट यूपी के पूर्व CEO को यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुमोदन के बाद की गई है।
सौदे के नाम पर मोटी घूस लेने के गंभीर आरोप
चार्जशीट में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ इन्वेस्ट यूपी में निवेशकों से सौदे के नाम पर मोटी घूस लेने के गंभीर आरोप है। साथ ही डिफेंस कॉरिडोर परियोजना में भूमि आवंटन एवं अनियमितता की जांच और प्रभावशाली पद पर रहते हुए आर्थिक अनुशासन के उल्लंघन के तथ्य शामिल है।
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ये है मामला
गौरतलब है कि लखनऊ के पूर्व डीएम और LDA के पूर्व VC अभिषेक प्रकाश को घूसखोरी कांड में निलंबित किया गया था। आरोप है कि उन्होंने उद्योग लगाने के बदले व्यापारी से पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। गोपनीय जांच में आरोप प्रमाणित हुए। अभिषेक घूसकांड के वक्त उद्योग विभाग के अधीन इन्वेस्ट यूपी में CEO पद पर तैनात थे।
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मामले में ये हैं दोषी
इस मामले में सरोजिनी नगर सब रजिस्टार ऑफिस में तैनात कर्मी, तत्कालीन एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह , एसडीएम संतोष कुमार, शंभू शरण सिंह, आनंद कुमार सिंह,देवेंद्र कुमार सिंह जांच में दोषी पाए गए हैं। चार तत्कालीन तहसीलदार पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। इसके अलावा विजय कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, उमेश कुमार सिंह, मनीष त्रिपाठी, तत्कालीन नायब तहसीलदार, कविता ठाकुर और तत्कालीन लेखपाल हरिश्चंद्र , ज्ञान प्रकाश, तत्कालीन कानूनगो राधेश्याम जितेंद्र सिंह और नैंसी शुक्ला मामले में दोषी है।
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