लखनऊ. उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में कोरोना से कई कर्मचारियों की मौत हो गई. इसको लेकर राज्य के शिक्षक संगठनों ने दावा किया है कि प्रदेश में हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की मृत्यु हुई है. संघ ने मांग की है कि सभी के परिजन को 1-1 करोड़ रुपए के मुआवजे और आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले 1621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है. उन्होंने बताया कि पत्र के साथ एक सूची भी संलग्न की गई है जिसके मुताबिक आजमगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. गोरखपुर में 50, लखीमपुर में 47, रायबरेली में 53, जौनपुर में 43, इलाहाबाद में 46, लखनऊ में 35, सीतापुर में 39, उन्नाव में 34, गाजीपुर में 36, बाराबंकी में 34 शिक्षकों-कर्मचारियों की मौत हुई है.

इसे भी पढ़ें – BJP नेता की दबंगई, युवक का फाड़ा कपड़ा, जमकर की मारपीट, कहा – जान से मार दूंगा

शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 23 ऐसे जिले हैं, जहां 25 से अधिक शिक्षकों-कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप जान गंवाने वाले सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य कर्मचारियों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए.

Read more – Corona Update: India Records Highest COVID Linked Mortalities In a Single Day with a Significant Drop in New Infections