लखनऊ। राजधानी लखनऊ में दि हिमालयन सहकारी आवास समिति लिमिटेड का गैर-पंजीकृत एग्रीमेंट निरस्त कर दिया गया है। बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति से समायोजन के तहत दी गई 14,309 वर्गमीटर भूमि वापस लेने का निर्णय लिया गया है। यह कदम लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की ओर से उठाया गया है। इन दोनों समितियों ने गैरकानूनी तरीके से भूमि की खरीद-फरोख्त और आवंटन में गड़बड़ी की। उनकी जांच में यह खुलासा हुआ कि दोनों समितियों ने धांधली की थी।
5 जमीनों का एग्रीमेंट किया जाएगा निरस्त
आवास आयुक्त की जांच में भी यह पाया गया कि इस प्रक्रिया में घोटाले का मामला सामने आया, जिसके आधार पर बोर्ड ने यह कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। समितियों से पांच जमीनों का एग्रीमेंट निरस्त किया जाएगा। ये जमीनों तीन रिटायर्ट आईएएस अफसरों ने फर्जी तरीके से समिति को दी थी। इसके पहले अपर आवास आयुक्त ने हिमालयन सहकारी आवास समिति की संचालन समिति को भंग कर उस पर 7.09 करोड़ की वसूली का आदेश दिया था।
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करोड़ों के भूखंडों के हेरफेर का खेल चला
समिति पर सरकारी पर्यवेक्षक तैनात कर दिया गया है। इस समिति के संचालक हैं समता सिंह बाफिला, गैंगस्टर प्रवीण सिंह बाफिला और वीरेन्द्र सिंह, जिन पर वर्षों से फर्जी सदस्य बनाकर करोड़ों की जमीनें बांटने का आरोप है। 2014 से 2022 के बीच समायोजन के नाम पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और सहकारिता विभाग में फर्जी दस्तावेजों, अनियमित सदस्यता और करोड़ों के भूखंडों के हेरफेर का खेल चला। समता सिंह बाफिला, प्रवीण सिंह बाफिला और वीरेन्द्र कुमार सिंह और अन्य लाभार्थियों ने कागजों में समिति बना ली।
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सहकारिता विभाग ने 2 जुलाई 2025 को पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर इन सबके खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की, लेकिन पुलिस ने अब तक न तो एफआईआर लिखी, न किसी से पूछताछ की।
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