कानपुर. यूपी में लव जिहाद कानून लागू होने के बाद पहली बार किसी को सजा सुनाई गई है. यह सजा कानपुर की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई है. दोषी युवक को नाम बदलकर लड़की को भगाने के आरोप में दस साल जेल की सजा के साथ 30 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की राशि में से 20 हजार रुपए पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति दिए जाएंगे. अपर जिला जज पवन श्रीवास्तव ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया है.

जिला शासकीय अधिवक्ता क्राइम दिलीप कुमार अवस्थी का दावा है कि लव जिहाद के मामले में सजा दिए जाने का यह पहला मामला है. डीजीसी ने बताया कि पीड़िता से धार्मिक पहचान छिपा कर फरेब किया गया. विशेष लोक अभियोजक पाॉक्सो चंद्रकांत शर्मा ने बताया कि मामला 15 मई 2017 का है. जूही थाना क्षेत्र के कच्ची बस्ती में रहने वाली 14 साल की किशोरी कक्षा 6 में पढ़ती थी. जावेद उर्फ मुन्ना की बहन किशोरी के क्लास साथी थी. इसी दौरान जावेद ने किशोरी को देखा और प्रेम का प्रस्ताव दिया. जावेद नाम के युवक ने खुद को हिंदू बताते हुए उसे अपना नाम मुन्ना बताया. बाद में लड़की के साथ उसकी नजदीकियां बढ़ने लगीं. धीरे-धीरे दोनों में प्रेम संबंध हो गए. फिर आरोपी किशोरी को शादी का झांसा देकर अपने साथ भगा ले गया.

पीड़िता ने आरोप लगाया कि जावेद उर्फ मुन्ना ने उसके साथ जबरदस्ती रेप किया. किशोरी पर धर्म परविर्तन का दबाव बनाया इधर, बेटी के लापता होने के बाद पीड़ित परिवार ने जूही थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने अगले ही दिन आरोपी को गिरफ्तार कर किशोरी को बरामद कर लिया था. पीड़िता की मां की तहरीर पर पॉक्सो एक्ट समेत रेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था. पीड़िता ने बताया कि जावेद ने खुद को हिंदू बनाकर उससे दोस्ती की थी. इसके बाद शादी का झांसा देकर साथ ले गया. जब वह उसके घर पहुंची, तो उसे अपना असली धर्म बताकर निकाह करने के लिए दबाव बनाया लगा. वह लड़की का धर्म परिवर्तन कराकर शादी करना चाहता था. इस पर लड़की ने शादी करने से इनकार कर दिया.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार द्वारा 24 फरवरी, 2021 में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021’ नाम से कानून लागू हुआ था. इसमें बहला-फुसला कर, जबरन, छल-कपट कर, लालच देकर या विवाह के लिए एक धर्म से दूसरे धर्म में किया गया परिवर्तन गैरकानूनी कहलाएगा. ऐसा करने पर दोषी को अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना भी होगा.