लखनऊ. यूपी के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने मुस्लिम समाज से आह्वान किया है कि वे खुद आगे आकर मथुरा में ‘श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर’ में स्थित सफेद भवन को हिंदुओं के हवाले कर दें. आनंद स्वरूप ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अदालत ने अयोध्या मुद्दे का समाधान कर दिया, लेकिन काशी और मथुरा में सफेद ढांचे हिंदुओं को आहत करते हैं. उनका इशारा काशी और मथुरा में बने दो मुस्लिम मजहबी ढांचों की ओर था.

आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा ”वह समय भी आएगा जब मथुरा में हर हिंदू को चुभने वाला सफेद ढांचा अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा. डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि भारत के मुसलमानों को यह मानना होगा कि राम और कृष्ण उनके पूर्वज थे और बाबर, अकबर तथा औरंगजेब हमलावर थे. उनके द्वारा बनाई गई किसी इमारत से स्वयं को संबद्ध न करें.” आनंद स्वरूप ने कहा ”मुस्लिम समुदाय को आगे आना चाहिए और मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित सफेद भवन को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए. एक समय आयेगा, जब यह काम पूरा होगा.”

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उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के सनातन धर्म अपनाने से जुड़े सवाल पर कहा कि ये घर वापसी है और मुसलमानों को वसीम रिजवी का अनुकरण करना चाहिए. उन्होंने कहा “देश में सभी मुसलमान धर्मांतरित हैं. अगर वे अपना इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि 200 से 250 साल पहले वे हिंदू धर्म से इस्लाम में धर्मांतरित हुए थे. हम चाहेंगे कि उन सभी की ‘घर वापसी’ हो. भारत की मूल संस्कृति ‘हिंदुत्व’ और ‘भारतीयता’ की है जो एक दूसरे के पूरक हैं.” शुक्ल ने समाजवादी पार्टी, उसके संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव को “हिंदू विरोधी” करार दिया “जिन्होंने अयोध्या में निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था.”

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