लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बुनियादी शिक्षा को प्रयोगधर्मी, कौशल-आधारित और भविष्य-केंद्रित बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रही है। बच्चों में रटने की प्रवृत्ति के स्थान पर ‘सीखो करके’ (Learning by Doing) की संस्कृति विकसित करने के लिए सरकार शिक्षण पद्धति में व्यापक नवाचार लागू कर रही है। इसी के तहत प्रदेश के 3288 चयनित परिषदीय विद्यालयों और डायट संस्थानों में एलबीडी मॉडल को प्रभावी रूप से लागू करने की विस्तृत कार्ययोजना पर मिशन मोड में काम जारी है।
योगी सरकार अब 3 नवंबर 2025 से दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ में 1888 अध्यापकों तथा उद्यमिता विकास संस्थान लखनऊ में 16 फरवरी से 18 मार्च तक 1400 (कुल 3288) विज्ञान एवं गणित अध्यापकों के त्रिदिवसीय कौशल आधारित ट्रेनर्स प्रशिक्षण महाकैंप की शुरुआत करने जा रही है। यह आवासीय प्रशिक्षण इस अवधि में कुल 66 बैचों में पूरा होगा। इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे कौशल युक्त शिक्षक तैयार करना है, जो आगे विद्यालय स्तर पर बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को प्रयोगशाला, प्रोजेक्ट, मॉडल, गतिविधि और वास्तविक जीवन अनुभवों से जोड़कर पढ़ाएंगे।
READ MORE: सरकारी भवनों को दिव्यांग हितैषी बना रही योगी सरकार, सुगम्य भारत अभियान के तहत लखनऊ के 5 भवनों का होगा कायाकल्प
बच्चों को ‘समझने, परखने और खोजने’ की शिक्षा देना है लक्ष्य
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश के कक्षाकक्ष ऐसे हों, जहाँ ‘याद करने’ की जगह ‘समझने, परखने और खोजने’ पर ज़ोर हो। यह पहल NEP-2020 के मूल दर्शन और भविष्य की स्किल-इकोनॉमी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युग और नवाचार-प्रधान भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप भी है।
READ MORE: सीएम योगी ने किया श्री क्षमादेवजी और श्री गुरुमन साहेब की नई मूर्तियों का अनावरण, परिसर में लगाया रुद्राक्ष का पौधा
बच्चों को निष्क्रिय श्रोता से सक्रिय शिक्षार्थी में बदलता
शिक्षा विशेषज्ञों की मानें तो जब एक बच्चा स्वयं प्रयोग करता है, वस्तुओं से खेलते-खेलते सीखता है, प्रश्न पूछता है और समाधान खोजता है; तब उसकी जिज्ञासा, तार्किक सोच, वैज्ञानिक दृष्टि, अभिव्यक्ति और समस्या-समाधान क्षमता अत्यधिक तीव्र होती है। यही ‘लर्निंग बाय डूइंग’ की सबसे बड़ी शक्ति है। यह बच्चों को निष्क्रिय श्रोता से सक्रिय शिक्षार्थी में बदलता भी है।
READ MORE: छठ पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए CM योगी, कहा- तपस्या, आस्था और नारी शक्ति का अद्भुत संगम है छठ, भोजपुरी समाज की सराहना
बुनियादी शिक्षा में नई संस्कृति विकसित करने का है प्रयास
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को बुनियादी शिक्षा में एक नई संस्कृति विकसित करने का प्रयास माना जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश में बुनियादी शिक्षा की एक नई संस्कृति विकसित होगी, जहाँ विद्यालय ज्ञान देने के केंद्र के साथ अनुभवों की प्रयोगशाला बनकर उभरेंगे। यह प्रयास आने वाली पीढ़ी को अधिक सक्षम, आत्मविश्वासी और रचनात्मक बनाकर नए भारत के निर्माण में उत्तर प्रदेश की भूमिका को मजबूत करेगा।
READ MORE: मुस्तफाबाद का नाम होगा ‘कबीरधाम’, सीएम योगी ने विपक्ष के ‘सेक्युलरवाद’ को बताया ‘पाखंड’
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने कहा
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी का कहना है कि हमारा प्रयास है कि बच्चे, निःसंकोच रूप से प्रश्न पूछें, विद्यालयों की प्रयोगशालाएं जीवंत हों, वे मॉडल बनें और अध्यापक, हर कक्षा के विद्यार्थी में सोचने की ताकत जगाने का माध्यम बनें। यही भविष्य के उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा व्यवस्था की नई पहचान होगी।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें
- English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

