विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज़ हो गई है, लेकिन कांग्रेस में कभी हां तो कभी ना कि स्थिति बरकरार है. समाजवादी पार्टी के साथ समझौते में जो दो सीट कांग्रेस को मिली है, उस पर कांग्रेस लड़ने को तैयार नहीं दिख रही है. कांग्रेस का दावा है कि गाज़ियाबाद और खैर सीट पर समीकरण कांग्रेस के लिए मुफीद नहीं है. ऐसे में यहां पर सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जबकि प्रदेश की राजनीति करने वाले नेता केवल इन दो सीट पर मैदान में नहीं उतरना चाहते हैं. गाज़ियाबाद और खैर में अगर चुनावी परिणाम कांग्रेस के अनुकूल नहीं होता है तो इसका 27 में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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फिर सपा के सहारे ही रहना होगा
कांग्रेस के नेताओ की माने तो समाजवादी पार्टी गठबंधन धर्म का निर्वहन करे जबकि सीट बंटवारे को सही से लागू करे। कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व को दलील दिया है कि अगर इन दो सीटों पर चुनावी माहौल बिगड़ता है तो भविष्य में यानी 2027 में समाजवादी पार्टी जो सीट देगी उसमें संतोष करना होगा जो कि पार्टी हित मे अच्छा नही होगा.
भाजपा को हराने…
बता दें कि कांग्रेस उपचुनाव में 10 में से 5 सीट मांग रही थी, लेकिन सपा ने 7 सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिए. जबकि एक सीट मिल्कीपुर में फिलहाल चुनाव नहीं होगा, इसलिए 9 सीट ही बची हुई हैं. जिसमें कांग्रेस को महज 2 सीट समाजवादी पार्टी दे रही है. हालांकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से लल्लूराम डॉटकॉम की हुई चर्चा में उन्होंने कहा कि मंगलवार यानी आज वस्तुस्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि हम चुनाव को किस तरह से लड़ेंगे. लेकिन भाजपा को हराने के लिए कुर्बानी दी जा सकती है.
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