लखनऊ. जूना अखाड़े में इन दिनों घमसान मचा हुआ है. अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी को जूना अखाड़ा का मठाधीश बनाया गया है. इसी मामले को लेकर अब 2 महंत आमने-सामने आ गए हैं. जिसको लेकर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि जिसने ये काम किया होगा, उसे बाहर जाना होगा.
वहीं जूना अखाड़े के थानापति श्रीमहंत राजेंद्र गिरी जी महाराज ने पूछ लिया है कि प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी को जूना अखाड़े का मठाधीश बनाने में क्या गलत है. थानापति श्रीमहंत राजेंद्र गिरी जी महाराज ने कुछ दिनों पहले ही कुछ संतों के साथ जेल पहुंचकर गुरु दीक्षा दी और उसका नामकरण प्रकाशानंद गिरी किया. साथ ही अंसेश्वर मठ, मुनस्यारी माता का मठ, गंगोलीहाट में लमकेश्वर, यमुनोत्री में भैरव और भद्रकाली मंदिर का उत्तराधिकारी यानी मठाधीश घोषित किया था.
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पूरे मामले की जानकारी जैसे ही सोशल मीडिया के जरिए वायरल हुई तो जूना अखाड़े की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे. अखाड़े के ज्यादातर साधु संतों ने इस मामले से खुद को किनारे कर लिया. इसके बाद जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगरि महाराज सामने आए. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि एक महात्मा जी का वह चेला है, लेकिन जो कुछ भी हुआ है, वह गलत है और इस पूरे मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है.इस कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई हुई. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि यह काम किसी लालच की वजह से किया गया है तो ऐसा करने वाले को भी अखाड़े से बाहर जाना होगा.
अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी दो बार दाउद इब्राहिम को मारने के लिए पाकिस्तान गया था, शाहरुख खान से रंगदारी मांगी और दिल्ली में एसीपी राजवीर की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी. साल 2010 में यह वियतनाम से पकड़ा गया था.
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