लखनऊ। किसानों, ग्रामीणों के ग्राम स्वराज के सपने को योगी सरकार ने यूपी में साकार कर दिया है. राज्य सरकार ने पिछले चार साल में यूपी के गांवों की सूरत और सीरत दोनो बदल दी है. कुछ साल पहले तक पिछड़े और विकास की संभावनाओं से अछूते माने जाने वाले गांवों को सड़क, बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और इंटरनेट जैसी सुविधाओं से लैस कर राज्य सरकार ने कायाकल्प कर दिया है.
खेत, खलिहानों और हरियाली के बीच सुविधाओं से लैस ग्राम स्वराज के सपने के जमीन में उतरने की गवाही खुद आंकड़े बयान कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के गांवों में 2498 पंचायत भवनों के रूप में पहली बार अपने ग्राम सचिवालय बन कर तैयार हैं. ग्राम सचिवालय बन जाने से ग्रामीणों को हर छोटी बड़ी चीज के लिए ब्लाक और तहसील मुख्यालय की दौड़ लगाने से निजात मिल जाएगी. 318.14 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इन पंचायत भवनों को इंटरनेट समेत कई आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. इसके साथ ही 206 बहुउद्देशीय पंचायत भवनों का निर्माण पहली बार हुआ है. जिसके जरिए ग्रामीण तमाम सार्वजनिक कार्यों के साथ अन्य आयोजनों को गांव के अंदर ही सुविधाजनक ढंक से कर सकेंगे. गांवों के विकास के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के लिए 25 करोड़ रुपए की व्यवस्था भी पहली बार की है.
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ग्राम पंचायतों को डिजिटल रूप से सशक्त करने के लिए 3145 लैपटॉप का वितरण कर गांवों को प्रधानमंत्री मोदी की योजना के मुताबिक डिजिटल बनाने की ओर बढ़ाया जा रहा है. 24 जिलों में 26 पंचायत लर्निंग सेन्टर स्थापित किए गए हैं. 206.58 करोड़ रूपए का व्यय से 718 अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है. पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु राष्ट्रीय ई-गवर्नेन्स पुरस्कार मिला. 5 लाख महिला समितियां गठित की गई है.
कभी कच्ची पगडंडियों और खराब सड़कों का पर्याय माने जाने वाले गांवों को पक्की सड़कों से हाईवे और मुख्य मार्ग से जोड़ा है. महिलाओं और बालिकाओं के लिए 4450 पिंक टायलेट बनाए गए. 15 हजार महिला स्वच्छाग्रही कार्यरत. 80 हजार से अधिक सामान्य स्वच्छाग्रही तैनात की गई हैं. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए बजट में 7000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 369 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 3 के बैच 1 के तहत 5000 करोड़ रुपए का बजट गावों के लिए प्रस्तावित किया गया है.
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