गोरखपुर. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर (2 अक्टूबर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) की घोषणा भले ही कर दी थी, लेकिन इस सच्चाई को भी स्वीकार करना होगा कि जनपद में अभी तक शौचालय का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. हर घर में शौचालय हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी. लेकिन अभी भी कई ऐसे लोग हैं जिनके घरों में शौचालय नहीं है.

कई जनपद के सभी राजस्व गांवों को कागज में ओडीएफ यानि खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है, लेकिन पंचायती राज विभाग का यह दावा हकीकत से कोसों दूर है. आंकड़ों की बाजीगरी में तो पंचायती राज विभाग ने बाजी मार ली, लेकिन वास्तव में गांवों को ओडीएफ बनाना विभाग के लिए अब भी बड़ी चुनौती है. दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां लोग लोटा लेकर खेत में और सड़क किनारे जाते हैं. इसकी प्रमुख वजह उनके घरों में शौचालय का आधा-अधूरा निर्माण या नहीं बनना है.

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ऐसा ही नजारा देखने को मिला विकास खंड पिपराइच की ग्राम पंचायत उनवला खुर्द शौचालय बने ही नहीं, इस कारण इनके फोटो अपलोड नहीं हो सके हैं. जब इस गांव में शौचालय के लाभर्थियों से बात की ज्यादातर ने यही कहा कि उनका शौचालय अब भी अधूरा है. कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ. बाकी इनकी सुनकर ओडीएफ की जमीनी हकीकत जान सकते हैं.

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