विक्रम मिश्र, अयोध्या। योगी सरकार आध्यात्मिक अयोध्या को ‘आयुष्मान अयोध्या’ भी बना रही है. सीएम योगी के मार्गदर्शन में रामनगरी स्वास्थ्य क्षेत्र में भी दिनोदिन समृद्ध हो रही है. घटना-दुर्घटना में विपरीत परिस्थिति आने पर अयोध्या को अब लखनऊ पर आश्रित नहीं रहना होगा. बल्कि सभी सुविधाएं यहीं मिल जाएंगी. गंभीर से गंभीर मरीजों का इलाज भी यहीं हो सकेगा. इसके लिए अयोध्या के राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में 110 बेड के ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है. मई 2025 तक यह बनकर तैयार हो जाएगा. यहां एक ही छत के नीचे सारी अत्याधुनिक सुविधाएं मिल जाएगी.

आधे से अधिक कार्य पूरा

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के शुरू होते ही वहां के विकास कार्यों का खाका खींचा जाने लगा था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्यावासियों और श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की फिक्र करते हुए वहां मल्टीस्पेशियिलिटी अस्पताल और दर्शननगर स्थित राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं को बढ़ाने का निर्देश दिया था. काफी दिनों से लंबित पड़े 110 बेड के ट्रॉमा सेंटर के प्रोजेक्ट पर काम न सिर्फ शुरू करा दिया गया. बल्कि आधे से अधिक कार्य पूरा भी हो गया है.

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तीन मंजिल के भवन में बन रहा ट्रॉमा सेंटर

राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में 110 बेड के ट्रॉमा सेंटर का निर्माण 33 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से कराया जा रहा है. शासन की ओर से निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद राजकीय निर्माण निगम ने काम शुरू करा दिया था. तीन मंजिल के भवन में बन रहे सेंटर में अब तक 50 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है.

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मरीजों को होती है कठिनाइयां

मेडिकल कॉलेज में आकस्मिक चिकित्सा सेवा के लिए 50 बेड का ट्रॉमा सेंटर और 60 बेड का इमरजेंसी मेडिसिन विभाग बनाया जा रहा है. यानी कुल 110 बेड की सुविधा होगी. अभी नए भवन में चल रहे ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को कठिनाइयां होती है. एक्स-रे और सीटी स्कैन के लिए मरीजों को अलग भवन ले जाना पड़ता है. नए ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के बाद एक्सरे-सीटी स्कैन समेत तमाम जांच की सुविधा यहीं मिल सकेगी.

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अत्याधुनिक लिफ्ट की भी रहेगी सुविधाएं

प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि भवन का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है. इसमें अत्याधुनिक लिफ्ट की भी सुविधाएं रहेगी. ट्रॉमा सेंटर गंभीर मरीजों के लिए वरदान साबित होगा. एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेंगी. मरीजों और उनके परिजनों को कहीं भागना नहीं पड़ेगा.