बलिया. रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने एक माह पहले गंगा नदी में मिले शव के मामले में ट्वीट किया था. उनके खिलाफ बलिया जनपद के शहर कोतवाली में 12 मई मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में बलिया पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजकर बयान दर्ज करने के लिए तलब किया. गुरुवार को रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नियत परेशान करने की है. इस मामले की विवेचना दुबहर के एसआई कर रहे हैं.

शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमा व नोटिस भेजकर तलब किए जाने के बाद रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया. गुरुवार को उन्होंने लिखा कि मैं अपने जूनियर अफसरों से काफी निराश हूं, कि उन्हें कानून तक की जानकारी नहीं है. फिलहाल खबर यह है कि उन्नाव वाले मामले में ही मेरे ऊपर 7वीं एफआईआर बलिया में भी हो चुकी है और आज बलिया पुलिस मेरे घर आकर मुझे थाने आने का नोटिस दे गई. लगता है मोस्ट वांटेड का तमगा मिलने ही वाला है.

किया सवाल क्या ये ही लोकतंत्र है?

इसके बाद गुरुवार को ही सूर्य प्रताप सिंह ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि यूपी सरकार ने 7वीं एफआईआर सबसे दूर के जनपद बलिया में की है. उन्होंने कहा, लखनऊ से बलिया की दूरी छोटे से छोटे मार्ग से भी करूं तो आने जाने में 15 से 16 घंटे लगेंगे. कहा, नियत परेशान करने की है. सवाल किया, क्या ये ही लोकतंत्र है? क्या ये ही अभिव्यक्ति की आजादी है?

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बलिया के निकलने के बाद गुरुवार को एक ट्वीट में सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा कि रास्ता बहुत खराब है, गड्ढामुक्त नहीं है. मगर खुशी है कि ‘बागी बलिया’ जा रहा हूं. 1942 में भारत का तिरंगा फहराने वाला बलिया देश का पहला जिला बना. अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने में बलिया का इतिहास स्वर्णिम है और दिल बड़ा है. शुक्रवार को अपने एक अन्य ट्वीट में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि 25 साल में 54 ट्रांसफर हुए. जब मेरी सदनीयत व नीतियां नहीं बदल सके तो एक एफआईआर क्या बदलेगी? उन्होंने कहा, सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है.

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बता दें कि रिटायर्ड आईएस अफसर अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीटर पर एक फोटो अटैच करते हुए बलिया में गंगा नदी के किनारे 67 शवों के मिलने की बात लिखी. नदी में मिले शवों पर लेकर ट्वीट के प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद 12 मई को नगर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र ने सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ धारा 505 और सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कराया.

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