UP News. उत्तर प्रदेश में ई-रिक्शा के लिए आयु सीमा निर्धारित की जाएगी, जो डीजल और पेट्रोल वाहनों की तर्ज पर लागू होगी. परिवहन विभाग ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें ई-रिक्शा की आयु 5 से 7 वर्ष के बीच रखने का सुझाव दिया गया है.

अपर परिवहन आयुक्त एके सिंह के अनुसार, ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या के साथ-साथ कई अनफिट वाहनों से होने वाली घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं. प्रस्ताव के मुताबिक, यदि आयु सीमा तय होती है तो बड़ी संख्या में अनुपयोगी ई-रिक्शा सड़क से बाहर हो जाएंगे, जिससे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी.

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हालांकि, ई-रिक्शा के पंजीकरण और आयु निर्धारण का अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है. प्रदेश सरकार केंद्र से अनुरोध करेगी कि वह इस प्रस्ताव पर विचार करे. विभाग का मानना है कि बैटरी चालित ई-रिक्शा का वजन कम होने पर उसकी दूरी भी बढ़ जाती है. इसलिए, पुराने और जर्जर ई-रिक्शा सड़कों पर चलने से यातायात के लिए खतरा बने हुए हैं.

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बता दें कि वर्तमान में, पेट्रोल वाहनों के लिए फिटनेस की समय सीमा 15 वर्ष है, जबकि ई-रिक्शा की आयु सीमा निर्धारित करने से सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित होगी. आने वाले दिनों में शासन इस प्रस्ताव पर निर्णय ले सकता है, जिससे ई-रिक्शा संचालन में महत्वपूर्ण बदलाव संभव है.

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