मऊ. जेल में बंद माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी के अब विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है. उनके बेटे अब्बास अंसारी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है.

वर्तमान में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी पांच बार के विधायक हैं और 1996 से मऊ सदर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. मऊ में सातवें और आखिरी चरण में सात मार्च को मतदान होना है. नामांकन दाखिल करने के बाद अब्बास अंसारी ने कहा, “मेरे पिता मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे हैं. वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. पिता की विरासत को आगे बढ़ाना बेटे का कर्तव्य है. मऊ मेरी ‘कर्मभूमि’ है और मैं अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाऊंगा. मैं इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगा.”

यह पूछे जाने पर कि मुख्तार ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला क्यों किया, अब्बास अंसारी ने दावा किया कि आज लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने आगे कहा कि एक साजिश रची जा रही थी ताकि उनके पिता नामांकन दाखिल न कर सकें. अब्बास अंसारी ने कहा, ऐसे में उन्होंने अपनी विरासत मुझे सौंपी है. मुख्तार अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने कहा, “उन्होंने (मुख्तार) अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी है. अब्बास ने मऊ सदर विधानसभा सीट से एसबीएसपी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया, जिसे मुख्तार ने लगातार पांच बार जीता.”

इस बार भाजपा ने अशोक सिंह, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मैदान में उतारा है और मऊ सदर से कांग्रेस उम्मीदवार माधवेंद्र बहादुर सिंह हैं. मुख्तार अंसारी ने 2002 और 2007 में निर्दलीय के रूप में और 2012 में कौमी एकता दल के उम्मीदवार के रूप में सीट बरकरार रखी. 2017 में उन्होंने बसपा के टिकट पर सीट जीती. अब्बास अंसारी ने बसपा उम्मीदवार के रूप में घोसी से 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और भाजपा के फागू चौहान के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे.