संभल. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश चुनाव में हिजाब विवाद लेकर आए हैं. ओवैसी ने मंगलवार को संभल में चुनाव प्रचार करते हुए पूछा कि भाजपा सरकार हमारी बेटियों को हिजाब पहनकर पढ़ाई नहीं करने दे रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन तलाक कानून के साथ मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने की बात करते हैं. क्या यही उनकी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की पिच है?

ओवैसी उस विवाद का जिक्र कर रहे थे जो इस साल जनवरी में कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में शुरू हुआ था, जब छह लड़कियों को हेडस्कार्फ पहने पर कैंपस छोड़ने के लिए कहा गया था. मंगलवार को विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. यह मामला राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया है. ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में दो बार बात की लेकिन कर्नाटक की स्थिति का कभी जिक्र नहीं किया. राष्ट्रीय आंकड़े बताते हैं कि तीन से 25 साल की उम्र की कई मुस्लिम लड़कियां कभी स्कूल नहीं गई हैं. प्रधानमंत्री उन लोगों के साथ ऐसा कर रहे हैं जो शिक्षित होने की कोशिश कर रहे हैं. क्या यह मजाक नहीं है?

उन्होंने आगे कहा कि अब शाम हो गई है और आप इंतजार करें, मिनटों में, सभी टेलीविजन चैनल दिखाना शुरू कर देंगे कि कैसे हिजाब के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को दबाया जा रहा है. आपको हमारी महिलाओं से प्यार क्यों है? मैं क्या पहनता हूं, मेरी बेटी क्या पहनती है, या मेरी पत्नी क्या पहनती है – यह आपके काम का नहीं है. अगर आप कुछ भी नहीं पहनते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी. एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि मैं कर्नाटक की महिलाओं को सलाम करता हूं. मैंने ट्वीट किया कि कैसे एक बुर्का पहने महिला भगवा भीड़ में चली गई और ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाया. यह साहस हर मुसलमान में होना चाहिए.

ओवैसी ने दावा किया कि कर्नाटक की घटनाएं संविधान का ‘गंभीर उल्लंघन’ हैं. उन्होंने कहा कि इस बार, राजा को वोट न दें. विकास के लिए वोट दें. एआईएमआईएम को वोट दें क्योंकि यह एकमात्र पार्टी है जो आपको केवल चुनाव के दौरान याद रखने के लिए एक वस्तु की तरह नहीं मानती है.