लखनऊ. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन से साफ तौर पर इनकार किया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ चुनावी गठजोड़ के लिए बातचीत चल रही है.
इस बीच, उन्होंने लखीमपुर खीरी कांड पर टिप्पणी करते हुए लोगों से अपने वोटों के जरिए दोषियों से सत्ता छीनने की अपील की और इसे ‘किसानों पर हो रहे अत्याचारों का सर्वोत्तम संभव बदला’ करार दिया.

उन्होंने कहा, “जिस मंत्री को सरकार द्वारा दंडित किया जाना चाहिए, उसे गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में पीठ थपथपाने के लिए बुलाया था.” चौधरी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखीमपुर खीरी की घटना पर चुप हैं. “प्रधानमंत्री, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के जन्मदिन पर ट्वीट कर सकते हैं, लेकिन कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सैनिकों के मारे जाने या लखीमपुर खीरी की घटना पर कुछ नहीं कहते हैं. वह लखनऊ गए थे, लेकिन लखीमपुर के बारे में कुछ नहीं कहा.”

रालोद प्रमुख ने आगे कहा कि भाजपा ‘जाति की राजनीति’ में लिप्त थी. जाट राजा राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर एक राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए चौधरी ने कहा, “क्या उन्होंने कभी मथुरा में प्रेम महाविद्यालय का दौरा किया, जो एक जर्जर अवस्था में है?”