लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में कोरोना के आंकड़ों में तेजी से गिरावट दर्ज हुई है. इसका ही परिणाम है कि प्रदेश में अब कोरोना के आंकड़ों का ग्राफ तेजी से नीचे जा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया. प्रदेश में अब तक 3,18,68,690 सैम्पल की जांच की जा चुकी है. रोजना डेढ़ लाख से अधिक कोरोना की जांच प्रदेश में की जा रहीं हैं. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित महज 128 नए मामले आए हैं.
कोविड महामारी से निपटने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति का ही नतीजा है कि अब उत्तर प्रदेश में कोरोना से पूर्व की तरह ही गतिविधियां सामान्य हो रहीं हैं. प्रदेश के सभी जनपदों के मेडिकल कॉलेजों में अब पूर्व की तरह सामान्य नागरिकों के लिए सुविधाएं भी सुलभ हो रहीं हैं. प्रदेश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने में प्रदेश सरकार की रणनीति में सर्विलांस टीमें व कांट्रेक्ट ट्रेंसिंग अहम रही जिस कारण आज 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में 18 करोड़ की आबादी तक ये टीमें पहुंची चुकी हैं.
प्रदेश में केवल दो हजार एक्टिव केस
सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव केस के आंकड़े महज 2017 रह गए हैं. प्रदेश में अब तक 5,93,288 लोग संक्रमण मुक्त हो चके हैं. पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 139 मरीज कोरोना संक्रमण मुक्त होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. इस तरह प्रदेश का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत से अधिक दर्ज किया गया है, जो अन्य प्रदेशों से कहीं अधिक है.
प्रदेश में 19 लाख लोगों को हुआ टीकाकरण
टीकाकरण अभियान के तहत प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है. प्रदेश में 45 से 60 वर्ष की आयु वाले लोग जो पहले से चिन्हित बीमारियों से ग्रसित है उनका भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है. टीकाकरण अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को मिलाकर 19 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज लग चुकी है.