उमंग अग्रवाल, कानपुर देहात. जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग अब जोरों से उठने लगी है. हर तरफ विभिन्न वर्गों और समुदायों द्वारा जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग जोरो से उठाई की जा रही है. साथ ही जातिगत जनगणना न कराए जाने के केन्द्र सरकार के फैसले का जमकर विरोध हो रहा है और कई संगठन अपनी आवाज बुलंद करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के चलते आज यादव महासभा की जिला कानपुर देहात इकाई द्वारा विरोध रैली का आयोजन किया गया. जिला मुख्यालय माती में यादव महासभा के जिला अध्यक्ष शिशुपाल यादव की अगुवाई में भारी संख्या में महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर रैली निकाली और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा.

कानपुर देहात के जिला मुख्यालय माती में शुरू हुई जातिगत जनगणना समर्थन रैली जिलाधिकारी कार्यालय में समाप्त हुई. जहां यादव महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से संसद सत्र में केन्द्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना न कराए जाने की बात का विरोध किया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की. यही नहीं उन्होंने जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी का नारा भी बुलंद किया.

प्रदर्शन कर रहे यादव महासभा के पदाधिकारियों की माने तो सरकार द्वारा जातिगत जनगणना न कराए जाने की बात संसद में कहना लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है. क्योंकि लंबे अरसे से जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है. जिसको सरकारें पूरा नहीं कर रही है. यदि जातिगत जनगणना करा ली जाए और जिस वर्ग की जितनी संख्या हो उसी के अनुसार उनको हिस्सेदारी दी जाए और आगे बढ़ाया जा सकता है. जातिगत जनगणना न कराए जाने से समाज में विद्येश और टकराव की भूमिका पैदा हो रही है. जो बेहद ही खतरनाक है. केंद्र सरकार और देश के प्रधानमंत्री को इस ओर ध्यान देना होगा.