गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में ‘समरस समाज के निर्माण में नाथ पंथ का अवदान’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पंजाब, सिंध, त्रिपुरा, असम, बंगाल आदि राज्यों के साथ ही पूरे भारत और नेपाल, बांग्लादेश, तिब्बत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान समेत अनेक देशों में नाथपंथ का विस्तार देखने को मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने नाथपंथ की परंपरा के संरक्षण पर जोर देते हुए सुझाव दिया है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय का महायोगी गुरु गोरखनाथ शोधपीठ इस दिशा में सक्रिय हो सकता है. उन्होंने शोधपीठ से अपील की है कि नाथपंथ से जुड़े सभी पहलुओं और नाथ योगियों के चिह्नों को इकट्ठा कर एक एनसाइक्लोपीडिया तैयार किया जाए.

इसे भी पढ़ें : ‘ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ… लेकिन लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं’, CM Yogi का बड़ा बयान

इस प्रयास का उद्देश्य नाथपंथ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और एक म्यूजियम के रूप में इसे संग्रहित करना है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को इस परंपरा के महत्व और इतिहास से परिचित कराया जा सके.