लखनऊ। प्रदेश की जनता को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार कृत संकल्प है. एसजीपीजीआई में पिछले तीन सालों के भीतर संस्थान में तरह-तरह के नए कोर्सों की शुरूआत की गई है.
मुख्यमंत्री प्रदेश में चिकित्सीय सुविधाओं को बढ़वा देने के साथ ही इंफ्रास्ट्क्चर और चिकित्सीय शिक्षा पर जोर दे रहें हैं. जिसके तहत लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीआईएमएस) में जल्द शुरू किए गए आठ कोर्सों के अलावा अन्य नए पांच कोर्सों की भी शुरूआत की गई है. संस्थान में एमडी, डीएम, एमसीएच, पीडीएएफ, पीडीसीसी, एमएचए, बीएससी नर्सिंग व मेडिकल टेक्नोलॉजी के तहत कॉलेज में अन्य कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं.
योगी सरकार ने संस्थान को दी नए कोर्सों की सौगात
योगी सरकार ने पीजीआई संस्थान को सौगात दी है, जिसके तहत संस्थान में नए कोर्सों का संचालन शुरू किया गया है. शुरू किए गए इन नए कोर्सों में कुछ ऐसे कोर्स शामिल हैं, जो अन्य प्रदेशों में नहीं हैं. संस्थान में डीएम (नेऑनटॉलॉजी), डीएम पल्मोनरी मेडिसिन, एमसीएच पीडियाट्रिक सर्जरी, एमसीएच प्लास्टिक सर्जरी व पीडीएफ एनएस्थलॉजी की शुरूआत की गई है.
महिलाओं व नवजात को मिलने वाली चिकित्सीय सेवाओं का होगा विस्तार
डीएम नियोनेटोलॉजी जो हाल ही में शुरू की गई है. जो राज्य और देश में नवजात सेवाओं में सुधार के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति उत्पन्न करेगी. महिलाओं में पाई जाने वाली दूसरी आम बीमारी स्तन कैंसर है. स्तन और अंतस्त्रावी सर्जरी में पीडीसीसी स्तन संबंधित रागों के निदान करेगा और साथ ही उपचार में प्रशिक्षित डॉक्टरों का उत्पादन भी करेगा. ब्रेस्ट एंड इंडोक्राइन सर्जरी में पोस्ट डॉक्टरल सर्टिफिकेट कोर्स (पीडीसीसी) जो संस्थान में संचालित है वो देश में पहला कोर्स है. इसके साथ ही एनेस्थिसियोलॉजी की विभिन्न विशेषताओं में पीडीएएफ पाठ्यक्रम भी है. ये नए पाठ्यक्रम केवल एसजीपीआईएमएस में ही मौजूद हैं.
विदेशों के बाद अब प्रदेश में न्यूरो ओटोलॉजिस्ट की कर सकेंगें छात्र पढ़ाई
संस्थान में न्यूरो ओटोलॉजि यूनिट की भी शुरूआत की गई है. इसके तहत कोक्लीयर इंप्लांटस, कान का ट्यूमर समेत कान से जुड़ी अन्य बिमारियों का इलाज किया जाएगा. जल्द ही इसको लेकर एकेडमिक कोर्स शुरू करने की तैयारी चल रही हैं. जहां एमसीएच के तहत तीन वर्षीय कोर्स शुरू किया जाएगा. ये कोर्स अन्य कुछ जगहों पर केवल सटिर्फिकेट कोर्स का संचालन किया जा रहा है. ऐसे में पीजीआई देश का पहला संस्थान बनेगा जहां पर तीन साल का ये कोर्स संचालित किया जाएगा. इस तरह का कोर्स अधिकतर अमेरिका व यूरोप जैसे देशों में होते हैं.