लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान नियमों का उलंघन करने पर पुलिस द्वारा जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था उनको वापसी करेगी. कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से लाकडाउन लगाया गया था. इस दौरान निर्धारित किए गए नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने की सजा का प्रावधान किया था. लेकिन बीते दिनों शासन ने लाकडाउन में दर्ज किए गए सभी मुकदमों की वापसी के आदेश दिए थे. शासन के आदेश के बाद इन मुकदमों की वापसी की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. पुलिस के द्वारा जिन मुकदमों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, उनको वापस लेने की कार्रवाई की जा रही है. मुकदमों की वापसी से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

लाकडाउन के दौरान लोगों को घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी. अनुमति लेने के बाद ही लोग घरों से बाहर निकल रहे थे. वहीं बिना मास्क के चलने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई की जा रही थी. लाकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा उन लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे, जो आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के बाद अचानक घरों से गायब हो गए थे. वहीं क्‍वारंटाइन सेंटर न जाने वालों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की गई थी. मुरादाबाद जिले के 20 थाना क्षेत्रों में लाकडाउन उल्लंघन के 4812 मुकदमे दर्ज किए गए थे. इनमें से ज्यादातर मुकदमों में चार्जशीट पुलिस कोर्ट में दाखिल कर चुकी है. मुकदमों को खत्म करने के लिए बीते 28 अक्टूबर 2021 को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी करके मुकदमों की विवेचना खत्म करने के साथ ही चार्जशीट दाखिल करने के आदेश जारी किए थे. इसके बाद से थाना पुलिस ने इन मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की कार्रवाई शुरू कर दी थी. मुरादाबाद जनपद में अभी तक 27 मुकदमों की वापसी हो चुकी है. वहीं आगामी एक माह में सभी मुकदमों की वापसी की कार्रवाई पूरी होने का दावा अभियोजन अधिकारियों के द्वारा किया गया है.

मुरादाबाद संयुक्त अभियोजन निदेशक राजेश कुमार शुक्ल का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान जनपद में 4812 मुकदमे पंजीकृत किए गए थे. इन सभी मुकदमों में चार्जशीट दाखिल करने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है. अभी तक कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद 27 मुकदमों को वापस लिया जा चुका है. जबकि अन्य लंबित मुकदमों को जल्द वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी.