विक्रम मिश्र, लखनऊ. उयत्र प्रदेश सरकार की भ्र्ष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का एक और उदाहरण सामने आया है. जहां पर योगी सरकार ने नियम विरुद्ध जमीन का पट्टा करने पर पीसीएस संवर्ग के दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. प्रदेश सरकार ने हरदोई में नियम विरुद्ध अपात्रों को जमीन का पट्टा देने के मामले में दो पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इनमें एडीएम न्यायिक फर्रुखाबाद स्वाति शुक्ला और एसडीएम एटा प्रतीत त्रिपाठी शामिल हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने हरदोई में तैनाती के दौरान नियम विरुद्ध 71 अपात्रों को कृषि भूमि का पट्टा दे दिया था. दोनों को ही राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है.
नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने हरदोई के डीएम की रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए. इस मामले में अब आगे की जांच लखनऊ की मंडलायुक्त को दी गई है. यह मामला हरदोई सदर तहसील की ग्राम पंचायत फरीदापुर में वर्ष 2022 लेकर मई 2023 के बीच का है. यहां पर 150 बीघे से अधिक कृषि भूमि का पट्टा किया गया था. जांच में पाया गया कि जिन्हें कृषि भूमि का पट्टा दिया गया उनके पास पहले से ही भूमि थी.
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जिस पर हरदोई जिलाधिकारी ने जांच शुरू कर दिया जिनमे हरदोई के डीएम ने आरोप सही पाए और डीएम ने इन सभी पट्टों को अपने न्यायालय में खारिज कर जांच में दोषी पाए जाने पर राजस्व निरीक्षक व लेखपाल को निलंबित कर दिया था. हरदोई के डीएम ने इस मामले में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन एसडीएम स्वाति शुक्ला और प्रतीत त्रिपाठी के खिलाफ निलंबन के लिए नियुक्ति विभाग में पत्र भेजा था. शासन ने डीएम की रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों को निलंबित कर राजस्व परिषद में सम्बद्ध कर दिया है.
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