लखनऊ ब्यूरो. उत्तर प्रदेश पुलिस के नए मुखिया यानि डीजीपी के नाम की घोषणा 31 दिसंबर 2017 को कर दी गई थी. तत्कालीन डीजीपी सुलखान सिंह का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो गया था. सीआईएसएफ के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह यानि ओपी सिंह को देश के सबसे बड़े सूबे का पुलिस चीफ बना दिया गया. खास बात ये है कि 15 दिन बीतने के बाद भी न तो डीजीपी का पता है औऱ न ही ये मालूम कि आखिर साहब कब तक अपनी कुर्सी पर बैठेंगे. उत्तर प्रदेश में इस किस्म का ये पहला मामला है. जब कि देश के सबसे बड़े सूबे की पुलिस 15 दिन से बिना किसी डीजीपी के काम कर रही है.
चर्चाओं के मुताबिक ओपी सिंह अभी दिल्ली में सीआईएसएफ के डीजी के तौर पर काम कर रहे हैं. यूपी में नौकरशाही में जिस किस्म का दखल नेता देते हैं और जिस तरह का तनाव प्रदेश पुलिस के अधिकारियों को झेलना पड़ रहा है वैसा तनाव शायद ही कोई अच्छे प्रोफाइल वाला पुलिस अधिकारी झेलना चाहे. चर्चाओं के मुताबिक ओपी सिंह के नाम की घोषणा भले ही सरकार ने कर दी हो लेकिन वो यूपी आने के बहुत इच्छुक नहीं हैं, वहीं नौकरशाही के गलियारों में ये चर्चा भी तेजी से तैर रही है कि दरअसल प्रशासनिक कारणों से ओपी सिंह के यूपी पुलिस के डीजीपी बनने में देरी हो रही है. दरअसल सीआईएसएफ के जिम्मे देश के महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा है. इसके अलावा कई वीवीआईपीज को भी सीआईएसएफ सिक्योरिटी उपलब्ध कराती है. ऐसे में ओपी सिंह का तत्काल पदभार छोड़ना संभव नहीं है. जिसके चलते उनके यूपी पुलिस के डीजीपी का चार्ज लेने में देरी हो रही है.
दरअसल पहले चर्चा हो रही था कि ओपी सिंह 5 जनवरी को चार्ज लेंगे, उसके बाद चर्चा शुरु हुई कि वो 10 जनवरी को चार्ज लेंगे अब चर्चा हो रही है कि वे 15 जनवरी को चार्ज लेंगे. फिलहाल आज 14 जनवरी की शाम तक भी ओपी सिंह के यूपी पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं है. जिससे इस बात की उम्मीद कम ही लगती है कि वे 15 जनवरी को भी यूपी पुलिस के डीजीपी का चार्ज ले सकेंगे. उधर सीआईएसएफ के प्रवक्ता के मुताबिक ओपी सिंह अभी सीआईएसएफ के महानिदेशक के पद पर काम कर रहे हैं, वे अपने पद से मुक्त नहीं हुए हैं.
प्रदेश की पुलिस इस समय एक अभूतपूर्व संकट से जूझ रही है. जो संकट आज से पहले कभी नहीं आया कि राज्य के पुलिस चीफ का पद 15 दिनों से खाली पड़ा हो. दरअसल डीजीपी के पास कई प्रशासनिक अधिकार होते हैं व कई प्रशासनिक व विभागीय मामलों में उसकी इजाजत के बिना कोई काम नहीं हो सकता ऐसे में पुलिस प्रमुख का पद खाली होने के चलते पुलिस बल को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.