विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई ज़मीन पाने को बेताब कांग्रेस अब गठबंधन के भरोसे नहीं बैठने वाली है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इसका खाका तैयार कर लिया है। जिसके तहत अब कांग्रेस में हाशिये पर चले गए जनाधार वाले नेताओं को फिर से सक्रिय करने की रणनीति कांग्रेस बना रही है।
हरियाणा चुनाव से मिले सबक पर हो रहा अमल
हरियाणा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद से ही कांग्रेस के केंद्रीय नेतृव में तनाव का माहौल बनना शुरू हो गया है। ऐसे कांग्रेस अब किसी भी दल को वॉक ओवर देने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश में इंडी गठबंधन के तहत कांग्रेस प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ है। लेकिन अब कांग्रेस, भाजपा विरोधी नीति का समर्थन करने वाले नेताओं को जोड़ने और उन्हें अहम पद देने की कोशिश कर रही है।
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हाशिये पर गए नेताओं को देगी मौका
यूपी कांग्रेस में मनमुटाव के कारण पार्टी से बाहर दूसरे दलों में गए या फिर पार्टी में ही हाशिये पर स्थित नेताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए दिल्ली बैठे केंद्रीय नेताओं का मंथन जारी है। केंद्रीय नेतृत्व की मंशा है कि कांग्रेस के पुराने नेता जिनका जनाधार भी है, उन्हें फिर से सियासत के केंद्र में स्थापित किया जाए। इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को केंद्रीय नेताओ द्वारा निर्देशित भी किया जा चुका है।
वरिष्ठों के साथ युवाओं पर भी फोकस
उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ सीट बंटवारे से नाखुश कांग्रेस अब अपनी रणनीति के साथ युवाओं को भी अपने केंद्र में रखकर राजनीति का समीकरण तैयार कर रही है। जिससे कि उत्तर प्रदेश में नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा सके। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के मुताबिक, दूसरी पार्टियों के कई वरिष्ठ और युवा नेता कांग्रेस के संपर्क में है। जिनको जोड़ने पर अमल किया जा रहा है। साथ ही साथ उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन को फिर से बसाने के लिए जनाधार वाले नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी भी दी जाने की योजना बन गई है।
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