विकास मिश्रा, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत अब पासी बनाम स्वर्ण के इर्द गिर्द घूमती नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद जो कि पासी समाज से आते है उनको पीडीए का पोस्टर बॉय बनाकर चुनावी चौसर के केंद्र में स्थापित कर दिया है। तो कांग्रेस भी अब इस समाज को साधने के लिए अपनी रणनीति बना दी है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रायबरेली यात्रा इसी रणनीति का हिस्सा थी।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने जाती जनगणना और सामाजिक न्याय के मसले को पुरजोर तरह से उठाया था। जिसका फायदा भी पार्टी को मिला था अब पार्टी इसी उद्देश्य से दलितों खासतौर पर पासी समाज को अपने दल में शामिल कराने की तरकीब बना रही है।
आपको बता दें कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर समाजवादी पार्टी कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने तरह से पासी समाज को लुभाने की कोशिशें कर रही है। समाजवादी पार्टी के पोस्टर बॉय और सांसद अवधेश प्रसाद ने अपने शपथ पत्र में पासी समाज के महान विभूतियों ऊदा देवी और महाराजा बिजली पासी का उल्लेख किया था। तो वहीं कांग्रेस ने भी पिछले दिनों संविधान सभा के सदस्य और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ 1952 और 1957 में सांसद रहे लखनऊ के मसूरियादीन पासी की पुण्य तिथि मनाई।
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अब कांग्रेस पासी समाज के युवक अर्जुन की हत्या के मामले को हवा दे रही है। ये पूरा प्रकरण दलित बनाम स्वर्ण तक पहुंचने लगा है। इसी रणनीति के तहत ही राहुल गांधी ने अर्जुन के परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना दी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 103 विधानसभा सीटों पर पासी समाज एक निर्णायक भूमिका में रहता है। इन्हीं सीटों को जीतने और दलितों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने अपनी हर सभा में अर्जुन की हत्या के मामले को गरमाने का फैसला किया है।
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