लखनऊ. उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों में जल्द ही कैशलेस टिकट मिलने लगेगा. स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ने ई टिकटिंग की व्यवस्था को पूरे प्रदेश में जल्द लागू करने का फैसला किया है. इस व्यवस्था के जरिए बस के अंदर ही यात्री यूपीआई, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के जरिए टिकट खरीद सकेंगे. उन्हें टिकट के लिए कैश देने की जरूरत नहीं होगी. ऑनलाइन या कार्ड के माध्यम से भी वे टिकट खरीद सकेंगे. इसका ट्रायल रन शुरू हो चुका है और अक्टूबर से पूरे प्रदेश में इसकी शुरुआत हो जाएगी.

यूपी स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के एमडी संजय कुमार ने बताया कि रोडवेज ने विभाग में टेक्नोलॉजी का समावेश करने का फैसला किया है. अभी तक रोडवेज की बसों में मशीन के जरिए भी मैनुअल टिकट दिए जा रहे थे, लेकिन अब जल्द ही नई मशीनों के जरिए टिकट वितरण की व्यवस्था होगी. इन नई मशीनों के उपयोग के लिए संबंधित व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन मशीनों के जरिए टिकट कैशलेस खरीदा जा सकेगा. लोग यूपीआई, वॉलेट के जरिए भी भुगतान कर पाएंगे. साथ ही, डेबिट या क्रेडिट कार्ड स्वैप करके या टैप करके भी टिकट खरीदा जा सकेगा.

संजय कुमार के अनुसार, फिलहाल इन मशीनों का ट्रायल रन किया जा रहा है, संभवत: अक्टूबर से यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी. इससे यात्रियों को टिकट लेने के लिए कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही कंडक्टर को भी खुले पैसे देने का झंझट नहीं रहेगा. हालांकि, जो लोग कैश में टिकट खरीदना चाहेंगे, उनके लिए पुरानी व्यवस्था के जरिए टिकट उपलब्ध कराया जाएगा.

एमडी संजय कुमार के अनुसार, नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी. यात्रियों के अलावा विभाग का भी काम काफी आसान हो जाएगा. ई टिकटिंग व्यवस्था को एक सॉफ्टवेयर के जरिए कनेक्ट किया जाएगा, जिसका कंट्रोल सारे आरएम और एआरएम के पास रहेगा. इस सिस्टम से वो जान सकेंगे कि बस में कितनी सवारियां बैठी हैं. अब कंडक्टर को नहीं बताना होगा कि उसने कितने टिकट काटे, क्योंकि सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी. इसके अलावा अन्य यात्री सुविधाओं में भी इजाफा किया जा रहा है. विभाग स्मार्टकार्ड को प्रोत्साहित कर रहा है, जिसे टैप करके टिकट खरीदा जा सकेगा. दिव्यांगजनों के लिए भी विशेष प्रकार के स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा कर्मचारियों के लिए भी ईटीआईएमएस की पेशकश की जा रही है जो इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म है. इसके तहत सभी कर्मचारियों का पूरा डाटा एक जगह उपलब्ध होगा.

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संजय कुमार के अनुसार, नॉन टिकटिंग रेवेन्यू 1 प्रतिशत से भी कम है, जिसे 3 से 4 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है. इसके लिए बस अड्डों पर एटीएम, मोबाइल टावर, कैंटीन, बसों पर विज्ञापन जैसे साधनों का उपयोग किया जाएगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में आवागमन के साधनों को प्रदेश की जनता के लिए सुगम बनाने के अनेक प्रयास किए हैं. यूपी रोडवेज का यह कदम भी मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप है. इस समय पूरे प्रदेश मे यूपी रोडवेज 12,400 से ज्यादा बसों का संचालन कर रही है, जो प्रतिदिन 40 हजार से अधिक ट्रिप लगा रही हैं. इन बसों में प्रतिदिन 16 लाख से अधिक यात्री अपना सफर पूरा कर रहे हैं.

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