सहारनपुर। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा वक्फ बिल के खिलाफ 13 मार्च को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि लगता है कि गैर लोकतांत्रिक पार्टियां जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं, वह इस कोशिश में हैं कि विशेष रूप से अल्पसंख्यक मुस्लिम को आज़ादी के साथ मज़हब पर भरोसा करते हुए ज़िंदा न रहने दिया जाए। हम इसके खिलाफ हैं। हम लोकतांत्रिक और संवैधानिक हक को सामने रखते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे।

13 मार्च को जंतर मंतर में प्रदर्शन

अरशद मदनी ने आगे कहा कि जिस तरह 1991 वर्शिप एक्ट का कानून आने के बावजूद सियासी पार्टियां उस पर कोई अमल नहीं कर रही हैं। संभल या वाराणसी समेत अन्य मस्जिदों के मामले को देखें तो लगता है कि लोकतंत्र और संविधान की कोई अहमियत नहीं है। अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 13 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है, ताकि लोकतांत्रिक हैसियत से हम अपना विरोध दर्ज कर सकें। हमें यह बिल मंज़ूर नहीं है।

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जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष ने आगे कहा कि कानून के दायरे में रहकर आखिर हद तक वक्फ को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे। वक्फ बिल हमारे अधिकारों को दिलाने के लिए नहीं बल्कि छीनने के लिए है।