विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में रहने वाले हर शख्स को हाता बनाम मंदिर का वाक्या तो पता ही होगा. हाता मतलब बाहुबली हरिशंकर तिवारी का घर और मंदिर यानी योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि. अब चिल्लूपार विधानसभा से स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी के पुत्र पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी थे. इसी मुद्दे को लेकर सदन में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने उठाया. जिस पर भाजपा ने इस विषय पर चर्चा करने पर मना कर दिया. जिसके बाद समाजवादी सदस्यों ने सदन में जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि बाहुबली विधायक एवं पूर्व मंत्री स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी का पैतृक निवास गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के टाडा गांव में है. जहां पर स्थानीय लोग उनकी मूर्ति स्थापित करने के लिए स्थान चयनित कर उसका फाउंडेशन तैयार कर रहे थे. जिस पर जानकारी मिलने पर प्रशासन ने उस स्थान को खाली करवाकर हुए निर्माणकार्य को तोड़ दिया है. अब इसी मुद्दे को लेकर सियासी पारा गरमा गया है. वहीं इस मामले को लेकर जब पत्रकारों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से सवाल किया तो उन्होंने कहा “ये गोरखपुर वाले जानें, ये सरकार का मामला नहीं है.”
गौरतलब है कि यूपी की सियासत में ऑल इज नॉट वेल चल रहा है. हाल ही में यूपी बीजेपी की कार्यकारणी की बैठक में सत्ता और संगठन पर बयान देकर सुर्खियों में आ गए थे. बीते सोमवार को भी मौर्य ने कुछ ऐसा ही बयान देकर प्रदेश में बनी सत्ता और संगठन के बीच की खाई को बड़ा करने का काम किया था. पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में उन्होंने कहा था कि संगठन और सरकार एक दूसरे के पूरक हैं. सरकार चुनाव नहीं जिताती है, इलेक्शन संगठन जिताता है.
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