UP By-Election Result 2024: इंतजार खत्म हुआ और यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। प्रदेश के कानुपर की सीसामऊ पर सपा की नसीम सोलंकी ने कब्जा जमाया है। गाजियाबाद में बीजेपी के संजीव शर्मा, मुरादाबाद की कुंदरकी में भाजपा उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से रलोद प्रत्याशी मिथिलेश पाल ने जीत दर्ज की है। वहीं मैनपुरी की करहल में एक बार फिर समाजवादी पार्टी की डंका बजा है। बीजेपी का यहां जादू नहीं चल सका। तेज प्रताप यादव नए किंग बने हैं।
मैनपुरी की करहल विधानसभा सबसे हॉट सीटों में से एक है। यहां से समाजवादी पार्टी ने तेज प्रताप यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। तेज प्रताप बिहार के पूर्व सीएम व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं, वे अखिलेश यादव के भतीजे भी हैं। वहीं बीजेपी ने भी सपा के सांसद धमेंद्र यादव के बहनोई व पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश प्रताप यादव को टिकट दिया था। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने अविनाश कुमार शाक्य को उम्मीदवार बनाया था।
चुनाव आयोग के मुताबिक, मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर 32 राउंड में वोटिंग की गई। सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव को कुल 104207 वोट मिले। बीजेपी उम्मीदवार अनुजेश प्रताप यादव को 89503 मिले है। समाजवादी पार्टी के तेज प्रताप यादव ने 14 से अधिक वोटों से जीत हासिल की है।
सपा का दबदबा कायम
मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है। इस विधानसभा सीट से 1985 में दलित मजदूर किसान पार्टी के बाबूराम यादव, 1989 और 1991 में समाजवादी जनता पार्टी (सजपा) और 1993, 1996 में सपा के टिकट पर बाबूराम यादव विधायक चुने गये। साल 2000 के उपचुनाव में सपा के अनिल यादव, 2012 और 2017 में बीजेपी के टिकट पर सोवरन सिंह यादव विधायक चुने गए। करहल विधानसभा सीट से 2017 सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे सोवरन सिंह यादव ने बीजेपी के रमा शाक्य को 40 हजार से ज्यादा वोट के अंतर से शिकस्त दी थी।
इन 9 सीटों पर हुए उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की जिन 9 सीटों पर उपचुनाव हुए उनमें करहल, गाजियाबाद, फूलपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, कटेहरी, खैर, मझवां और मीरापुर शामिल है। इन सीटों पर उपचुनाव के लिए 18 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की गई। 25 अक्टूबर तक नामांकन जमा किए गए। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच हुई। 30 अक्टूबर तक अभ्यर्थियों ने अपना नाम वापस लिया। 20 नवंबर को मतदान हुए।