लख़नऊ/ इटावा। इटावा सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में तैनात प्रोफेसर डॉ. अभय सिंह उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में खून के काले कारोबार का मास्टरमाइंड निकला. आरोपी को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ पूरे रेकैट को खंगालने में जुटी हैं. रैकेट से जुड़े हुए कई बड़े माफिया अंडरग्राउंड हो गए हैं.

एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. एसटीएफ ने प्रोफेसर के पास से 100 यूनिट ब्लड बरामद किया है. यही नहीं इक्कीस से ज्यादा ब्लड बैंकों के कागजात, दो रक्तदान शिविर के बैनर, एक कार, सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के परिचय पत्र के अलावा दस मोबाइल फोन समेत चौबीस हजार रुपए नगद बरामद किया गया है.

बता दें कि यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को आगरा एक्सप्रेस-वे के पास से मिलावटी खून की सप्लाई करने वाले डॉ. अभय प्रताप सिंह और अभिषेक पाठक को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास से भारी मात्रा में ब्लड से भरे पैकेट बरामद हुए थे. एसटीएफ की टीम ने बताया कि डॉ. अभय प्रताप सिंह इटावा स्थित यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल कॉलेज सैफई में असिस्टेंट प्रोफेसर है, तो वहीं अभिषेक सिद्धार्थनगर का रहने वाला है.

कई प्रदेशों से जुड़ा है नेटवर्क

गिरफ्तारी के दौरान आरोपी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में रक्तदान शिविरों में दिए गए खून को लेकर लखनऊ आ रहे थे. इन राज्यों के अलावा अन्य राज्यों से भी इसी प्रकार खून लाने का काम करते थे. गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से एक गत्ते में 45 यूनिट खून मिला. वहीं, जब आरोपियों की निशानदेही पर उनके फ्लैट पर छापेमारी की गई तो वहां घरेलू प्रयोग में लाई जाने वाली फ्रिज के अंदर से 55 यूनिट खून बरामद हुआ था.

जांच के घेरे में कई ब्लड बैंक

गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के एसटीएफ की टीम ने कड़ाई से पूछताछ की, जिसमें दोनों ने अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के नामों के साथ कई बड़े खुलासे किए हैं. एसटीएफ की पूछताछ में उन्होंने राजधानी लखनऊ के कई नामी अस्पतालों में मिलावटी खून सप्लाई करने का दावा किया है. जिसके बाद लखनऊ के कई अस्पताल भी जांच के घेरे में आ गए हैं.