Upendra Kushwaha: आरटीआई के जरिए बीते दो दिसंबर को यह खुलासा सामने आया था कि बिहार और केंद्र सरकार में कई ऐसे नेता हैं, जो एक साथ वेतन और पेंशन दोनों भुगतान का लाभ उठा रहे हैं। इनमें कुल 8 नेताओं का नाम सामने आया था, जिसमें से एक नाम राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा का भी था। वहीं, अब इस मामले पर उन्होंने सफाई देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है।
उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पोस्ट में लिखा-बिहार विधानसभा/विधान परिषद के कुछ पूर्व सदस्यों के द्वारा पेंशन लेने के बारे मीडिया में अत्यंत ही बेबुनियाद और तथ्य से परे खबरें प्रकाशित/प्रसारित की जा रही है। सूचना के अधिकार के तहत दी गई एक अधूरी जानकारी को खबर का आधार बनाया गया है। उक्त सूची में मेरा नाम भी शामिल है। अतएव मैं अपने बारे में सच्चाई से अवगत करवाना चाहता हूं, जो इस प्रकार है :-
सांसद ने बताया कि, उक्त पत्र में पेंशन शुरू किए जाने की तारीख बताई गई है। तब से लेकर अबतक कब, किसने और कितनी पेंशन की राशि ली, इसका कोई ब्योरा नहीं दिया गया है। मैं अपने बारे में बताना चाहता हूं कि शुरुआत से लेकर अबतक, जब किसी सदन का सदस्य नहीं रहा हूं। सिर्फ उस कालावधि में मैंने पेंशन ली है। सदन में रहते हुए सिर्फ वहां से मैंने वेतन लिया है। उस अवधि में पेंशन लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- जाहिर है, आज मैं राज्यसभा का सदस्य हूं। अतः राज्यसभा से वेतन ले रहा हूं। विधानसभा/विधानपरिषद से पेंशन नहीं ले रहा हूं। प्रावधान भी यही है कि आप एक साथ किसी सदन का वेतन और किसी से पेंशन नहीं ले सकते हैं। इस नियम का मैं भी शत-प्रतिशत पालन कर रहा हूं।
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