पटना | राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने 5 सितंबर को पटना के मिलर ग्राउंड में होने वाली एक बड़ी रैली की घोषणा की है। इस रैली का नाम रखा गया है – संवैधानिक अधिकार एवं परिसीमन सुधार रैली । कुशवाहा ने इस रैली को पूरी तरह से जनता के अधिकारों और लोकतांत्रिक व्यवस्था से जोड़ते हुए कहा कि इसका उद्देश्य चुनाव नहीं, बल्कि संवैधानिक और जनसंख्या आधारित प्रतिनिधित्व की बहाली है।

50 वर्षों से रुका है बिहार का हक

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर समय पर जनगणना और परिसीमन हुआ होता, तो आज बिहार को लोकसभा में 60 सीटें मिलतीं। लेकिन यह संविधानसम्मत प्रक्रिया पिछले 50 वर्षों से ठप पड़ी है। उन्होंने इस स्थिति के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर परिसीमन नहीं होने दिया। इसी का नतीजा है कि बिहार की जनता आज भी पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व से वंचित है।

रैली का दिन ऐतिहासिक: शिक्षक दिवस और जगदेव प्रसाद शहादत दिवस

कुशवाहा ने बताया कि 5 सितंबर का दिन दो बड़े कारणों से खास है — शिक्षक दिवस और शहीद जगदेव प्रसाद का शहादत दिवस। ऐसे दिन पर रैली करना प्रतीकात्मक भी है और संघर्ष का ऐलान भी। उन्होंने कहा, मिलर स्कूल ग्राउंड में आज तक वैसी रैली नहीं हुई जैसी इस बार होने जा रही है।

मुद्दों की राजनीति, न कि हंगामे की

विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कुशवाहा ने कहा, राहुल गांधी और महागठबंधन की यात्राएं सिर्फ हंगामा करने के लिए होती हैं, उनमें कोई ठोस समाधान नहीं होता। हमारी पार्टी सिर्फ शोर मचाने के लिए नहीं है, हम जमीनी मुद्दों को उठाते हैं और उसका समाधान लेकर जनता के बीच जाते हैं।

अब राष्ट्रीय स्तर पर उठेगी आवाज

कुशवाहा ने कहा कि यह रैली सिर्फ पटना या बिहार तक सीमित नहीं रहेगी। हम इस अभियान को पूरे देश में ले जाएंगे, ताकि हर राज्य की जनता को उनका वास्तविक प्रतिनिधित्व मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि बिक्रमगंज, मुजफ्फरपुर और गया में पहले ही रैलियां हो चुकी हैं, अब पटना से इस आंदोलन को नई दिशा मिलेगी।