पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही एनडीए को पूर्ण बहुमत से अधिक सीटें मिली हो लेकिन सहयोगी दलों में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में अंदरूनी कलह सामने आई है। बताया जा रहा है कि पार्टी से नाराज होकर कुछ नेताओं ने अपना इस्तीफा सौप दिया है।
इन लोगों ने दिया इस्तीफा
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीतेंद्र नाथ और प्रदेश प्रवक्ता-सहनिबंधक महासचिव राहुल कुमार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देकर यह साफ कर दिया कि अंदरूनी हलचल अब गंभीर रूप ले चुकी है। करीब सात वर्षों तक उपेंद्र कुशवाहा के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चलने वाले जीतेंद्र नाथ ने अपने त्याग पत्र में बेहद भावुक शब्दों में लिखा कि वे अब पार्टी के हालिया राजनीतिक और संगठनात्मक फैसलों से खुद को जोड़ नहीं पा रहे। उनका कहना था कि जिन सिद्धांतों और उम्मीदों के साथ उन्होंने यात्रा शुरू की थी वह आज कहीं धुंधली पड़ती दिख रही है। इसी वजह से उन्होंने भारी मन से पद और सदस्यता दोनों छोड़ने का निर्णय लिया।

राहुल कुमार ने छोड़ी पार्टी
इसी तरह आठ-नौ वर्षों से पार्टी की रीढ़ माने जाने वाले राहुल कुमार ने भी बताया कि मौजूदा परिस्थितियों में काम करना उनके लिए मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो चुका था। संगठन में लिए जा रहे फैसलों से वे खुद को अलग-थलग महसूस करने लगे थे, और यही असहजता अंततः उनके इस्तीफे की वजह बनी।

इस लिए पार्टी के नेता हुए नाराज
सूत्रों का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश कुशवाहा को मंत्री बनाए जाने के बाद संगठन के भीतर असंतोष उभर आया है। कई नेता इसे परिवारवाद और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी के रूप में देख रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि एकतरफा फैसलों ने रिश्तों में दरारें पैदा कर दी हैं, और आने वाले दिनों में यह टूट और गहरी हो सकती है।
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