दिल्ली सरकार(Delhi Government) ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) को जानकारी दी है कि उपहार अग्निकांड (Uphaar fire incident) मामले में अंसल बंधुओं द्वारा जमा कराए गए 60 करोड़ रुपये का इस्तेमाल तीन सरकारी अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए किया गया है. सरकार ने हलफनामे में बताया कि यह रकम संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (मंगोलपुरी), सत्यवादी राजा हरीश चंद्र अस्पताल (नरेला) और सिरसपुर अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर विकसित करने पर खर्च की गई है. इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, ताकि आपात स्थिति में मरीजों को तुरंत और बेहतर इलाज मिल सके.
सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई को दिल्ली सरकार से पूछा था कि उसने अंसल बंधुओं द्वारा जमा कराए गए जुर्माने का इस्तेमाल किस तरह किया है. अदालत के मूल निर्देशों में द्वारका में ट्रॉमा सेंटर बनाने का उल्लेख था, लेकिन उस समय वहां कोई जीएनसीटीडी अस्पताल उपलब्ध नहीं था.
सरकार ने बताया कि अब द्वारका सेक्टर-9 स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल का निर्माण पूरा हो चुका है और यह 10 मई 2021 से संचालित है. इस अस्पताल में 1,200 से अधिक बेड और 330 आईसीयू बेड की सुविधा है. सरकार के अनुसार, इस जुर्माने की राशि और अतिरिक्त बजटीय आवंटन से संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (मंगोलपुरी), सत्यवादी राजा हरीश चंद्र अस्पताल (नरेला) और सिरसपुर अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर तैयार किए गए हैं.
दिल्ली सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी थी. ट्रॉमा सेंटर बनने से स्थानीय लोगों को आपात स्थिति में बेहतर और समय पर इलाज मिल सकेगा.
बता दें कि उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हुई थी. सितंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अंसल बंधुओं ने 60 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना जमा कराए थे. अदालत ने 16 जुलाई को दिल्ली सरकार से इस राशि के इस्तेमाल का पूरा ब्यौरा मांगा था.
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