UPI Transactions Details: अगस्त में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए 1,496 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए. इस दौरान कुल 20.61 लाख करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की गई. पिछले साल अगस्त के मुकाबले ट्रांजेक्शन की संख्या में 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

अगस्त 2023 में यूपीआई के जरिए 1,059 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए और इसके जरिए 15.77 लाख करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की गई. एक साल में यह रकम करीब 31 फीसदी बढ़ी है. अगस्त 2024 में रोजाना औसत ट्रांजेक्शन की बात करें तो यह 48 करोड़ 30 लाख रहा और रोजाना औसतन 66,475 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की गई.

जुलाई के मुकाबले यूपीआई ट्रांजेक्शन में 4 फीसदी की बढ़ोतरी

वहीं, पिछले महीने (जुलाई 2024) के मुकाबले ट्रांजेक्शन की संख्या में 3.60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, ट्रांसफर की गई रकम में 0.15 फीसदी की कमी आई है.

जुलाई 2024 में UPI के ज़रिए 1,444 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए और इसके ज़रिए 20.64 लाख करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की गई. UPI को रेगुलेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) ने आज (1 सितंबर) ट्रांजेक्शन के आंकड़े जारी किए.

UPI का संचालन NCPI करता है

भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का संचालन RBI के पास है. IMPS, RuPay, UPI जैसी प्रणालियों का संचालन नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) करता है. सरकार ने 1 जनवरी, 2020 से UPI ट्रांजेक्शन के लिए जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क अनिवार्य कर दिया था.

UPI कैसे काम करता है?

UPI सर्विस के लिए आपको वर्चुअल पेमेंट एड्रेस बनाना होगा. इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा. इसके बाद आपको अपना बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की ज़रूरत नहीं है. भुगतानकर्ता बस आपके मोबाइल नंबर के आधार पर पेमेंट रिक्वेस्ट को प्रोसेस करता है.

अगर आपके पास उसका UPI ID (ई-मेल ID, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के ज़रिए आसानी से पैसे भेज सकते हैं. सिर्फ पैसे ही नहीं, बल्कि आपको यूटिलिटी बिल भुगतान, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम के जरिए कर सकते हैं.