लखनऊ. पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में 29 मई से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को लेकर बिजली विभाग में हलचल तेज हो गई है. पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) ने करीब 5000 इंजीनियर्स को नोटिस थमा दिया है. जिसमें चेतावनी दी गई है कि यदि कोई कर्मचारी बहिष्कार में शामिल होता है या इसके लिए प्रेरित करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

एस्मा लागू होने के बावजूद विरोध प्रदर्शन लगातार शासकीय कार्यों को प्रभावित कर रहे हैं. विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि किसी भी प्रकार की बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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ज्ञात हो कि सरकार ने विद्युत निगमो की गुणवत्ता बढ़ाने का हवाला देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है. जिसको लेकर पिछले कुछ महीनों से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके अलावा पुरानी पेंशन की बहाली और डेली वेज अर्थात भत्तों की वृद्धि के लिए आज से शुरू होने वाले कार्य बहिष्कार में शामिल किया गया है.

दिसंबर 2024 से चल रहा विरोध

बता दें कि ये विरोध बीते साल दिसंबर से चल रहा है. दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने को लेकर कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहा है. इसे देखते हुए शुक्रवार को ही डिस्कॉम प्रबंधन ने किसी भी तरह की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बाधित नहीं होने देने के लिए व्यापक इंतजाम कर दिया था. जगह-जगह कंट्रोल रूम बनाए गए थे. इसके अलावा बिजली कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थी.