शिखिल ब्यौहार, भोपाल/अजय नीमा, उज्जैन। जबलपुर के अंजुमन इस्लामिया स्कूल में जुमे (Friday) को छुट्टी और रविवार को स्कूल संचालित करने के फैसले पर मचा बवाल अब राजनीतिक और धार्मिक रंग लेने लगा है। इस बीच मुस्लिम स्कॉलर जमशेद आलम का बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को छुट्टी रखने में बुराई क्या है ? संख्या कम है तो इसमें डराने धमकाने की क्या बात है, किसी को पेट में दर्द क्यों हो रहा है ? इस मामले में समाजवादी पार्टी का साथ मिला है। वहीं संस्कृति बचाओ मंच ने इसका विरोध किया है और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल ने इसे गलत ठहराया है।

मुस्लिम स्कॉलर ने कहा- सबको अपना-अपना अधिकार

मुस्लिम स्कॉलर जमशेद आलम ने जबलपुर के स्कूल में शुक्रवार (जुमे के दिन) स्कूल में छुट्टी रखने पर बयान दिया हैं। उन्होंने कहा कि संविधान हमें ये अधिकार देता है। जुमा की नमाज अदा करने के लिए छुट्टी ली जा सकती है। अन्य राज्यों में भी जुमे की नमाज अदा करने के लिए छुट्टी दी जाती है। सबको अपना अपना अधिकार है। संख्या कम है तो इसमें डराने धमकाने की क्या बात है, किसी को पेट में दर्द क्यों हो रहा है ? सरकार बताए तमिलनाडु और केरल में क्या कर रहे है, वहां क्यों शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है ? शुक्रवार को छुट्टी रखने में बुराई क्या है ?

समाजवादी पार्टी ने दिया साथ

सपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि अपने-अपने मजहब की बात होती है, उन्हें संवैधानिक अधिकार है। अपने मजहब की तालीम या अपने मजहब के हिसाब से अवकाश संबंधित निर्णय लेने की, संवैधानिक इस अधिकार को देना चाहिए। बैंकों में भी कई बार नियम बदल जाता है। रविवार को अवकाश के दिन कई बार निगम कार्यालय, राजस्व कार्यालय, बैंक के कामकाज के लिए खोले जाते हैं।

सपा नेता ने बताया आस्था का विषय

मनोज यादव ने आगे कहा कि हिंदू धर्म में भी कुछ आयोजन धार्मिक होते हैं तो छुट्टी को एक्सटेंड किया जाता है। संडे को कोई कार्यक्रम किए जाते हैं, भोपाल में पीएम मोदी के कई आयोजन में प्राइवेट स्कूलों की छुट्टियां भी होती हैं। यह मामला धार्मिक आस्था का विषय है। हम उनके साथ में खड़े हुए हैं, कोई दिक्कत है तो हम उनके साथ खड़े हुए दिखाई देंगे।

धर्म-समुदाय के नाम पर बदलाव उचित नहीं- एमपी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष

एमपी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल ने कहा कि शिक्षा एक समान व्यवस्था है। किसी भी धर्म, पंथ या समुदाय के नाम पर स्कूलों में छुट्टी या समय में बदलाव उचित नहीं है। सभी संस्थानों को राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना चाहिए। पटेल ने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड का उद्देश्य समाज में सद्भाव बनाए रखना है, न कि टकराव पैदा करना।

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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि स्कूल किसी धार्मिक कारण से छुट्टी तय कर रहा है, तो उसे पहले शासन से अनुमति लेनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा विभाग की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि यदि स्कूल ने नियमों का उल्लंघन किया है, तो रिपोर्ट लेकर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। धर्म और शिक्षा दोनों अपने स्थान पर हैं, लेकिन दोनों को मिलाना ठीक नहीं।

संस्कृति बचाओ मंच ने जताया विरोध

संस्कृति बचाओ मंच और हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने ऐसे आदेश पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान हिंदुस्तान के हिसाब से चलेगा न की शरीयत के हिसाब से… इस प्रकार अगर शिक्षा के मंदिर को धार्मिक दृष्टि से देखेंगे तो भारतवर्ष के सभी स्कूलों में हम मंगलवार और शनिवार की छुट्टी मांगने लगेंगे, क्योंकि हमारे मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ी जाती है और हनुमान जी और दुर्गा जी का पूजन होता है।

CM डॉ मोहन से की ये मांग

चंद्रशेखर तिवारी ने यह भी कहा की इस्लामी पद्धति से शिक्षा के मंदिर को दूषित करने का कोई प्रयास न करें। यह हिंदुस्तान है और जबलपुर मध्य प्रदेश की संस्कारधानी है। जहां से संस्कारों की उत्पत्ति होती है। वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से इस विषय में संज्ञान लेने और स्कूल की मान्यता निरस्त करने की मांग की है।

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