रायपुर। अनियमित और संविदा कर्मियों के आंदोलन के मुद्दे पर सदन में जोरदार हंगामा मचा. भाजपा ने स्थगन की सूचना दी, जिसे आसंदी ने अग्राह्य किया. इस पर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, वहीं सत्ता पक्ष के विधायक भूपेश है तो भरोसा है के नारे लगाने लगे. सदन में मचे हंगामे के बीच कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने शून्यकाल में संविदा और अनियमित कर्मचारियों के आंदोलन के मुद्दे पर स्थगन की सूचना देते हुए चर्चा की मांग की. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आंदोलन की वजह से कामकाज बुरी तरह प्रभावित है. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश के सारे आंदोलनरत संगठनों ने मुख्यमंत्री की घोषणा को नकार दिया है. 4 लाख कर्मचारी आंदोलन में हैं. सभी वर्गों के भीतर असंतोष है.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने घोषणा पत्र को आत्मसात करने की बात कही. लेकिन अंतिम सत्र तक जानकारी यही आई कि सरकार अभी अनियमित और संविदाकर्मियों की जानकारी ही इकट्ठा कर रही है. सरकार के कथनी और करनी में अंतर है. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के 36 में से एक भी बिंदु को पूरा नहीं किया. सारे ऑफिस में कामकाज बंद पड़ा है. स्थगन के जरिए इस पर चर्चा कराई जाए.
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सभी वर्ग आंदोलनरत हैं. राजधानी में ही 8-10 हजार लोग धरने पर हैं. सरकार को उनके बीच जाकर उनकी समस्या सुननी चाहिए. विधानसभा उपाध्यक्ष ने स्थगन अग्राह्य किया. इस पर सदन में भाजपा विधायकों को नारेबाजी करते देख सत्तापक्ष के विधायक भी नारेबाजी करने लगे. सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि बहुत कर्मचारी संगठन के लोग मिलने आए हैं, इसलिए जो करना है भाजपा के लोग जल्दी कर लें. सत्ता पक्ष के विधायकों ने नारे लगाए भूपेश है तो भरोसा है.