Pooja Khedkar: UPSC ने महाराष्ट्र (Maharashtra) कैडर की IAS पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी है। इसी के साथ ही पूजा अब IAS भी नहीं रहेंगी। यूपीएससी ने खेडकर पर भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी है। खेडकर के तमाम दस्तावेजों की जांच के आधार पर यूपीएससी ने खेडकर को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन करने का दोषी पाया। UPSC ने एक प्रेस रिलीज में आयोग ने इसकी जानकारी दी।
यूपीएससी ने कहा कि सभी रिकॉर्ड की जांच के बाद ये सामने आया कि पूजा खेडकर ने CSE-2022 नियमों का उल्लंघन किया है। आयोग ने सीएसई के पिछले 15 सालों के डाटा को रिव्यू किया जिसमें 15 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल थे।
बता दें कि पूजा खेडकर पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है. दिल्ली की कोर्ट में बुधवार (31 जुलाई) को पूजा खेडकर की अंतरिम जमानत पर सुनवाई हुई। कोर्ट से सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 1 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगा।
यूपीएसपी की शिकायत के बाद पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया था।खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दस्तावेजों में नाम, तस्वीर, ईमेल और एड्रेस में गलत जानकारी दी। क्राइम ब्रांच की कार्रवाई के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए ही पूजा खेडकर ने कोर्ट का रुख किया है।
यूपीएससी ने की थी शिकायत
यूपीएससी ने अपनी शिकायत में कहा था कि पूजा खेडकर के खिलाफ विस्तृत जांच कराई गई है. इसमें पता चला है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में नियमों का उल्लघंन किया था। उनकी परीक्षा में बैठने की लिमिट पूरी हो गई थी। इसके बाद उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी। उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले। इसके अलावा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता भी बदला. गलत तरीके से नई पहचान बनाने की वजह से उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला।
फर्जीवाड़ा करके परीक्षा में ज्यादा मौके उठाने का आरोप
आयोग ने ये भी कहा है कि पूजा खेडकर ने परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा (Permissible Limits) से अधिक प्रयासों का लाभ उठाया। यूपीएससी ने पूजा के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के साथ आपराधिक मुकदमा चलाने सहित अन्य कई कार्रवाई शुरू की हैं। ट्रेनी आईएएस पूजा के साथ ही उनका परिवार भी विवादों में घिरा हुआ है। बीते दिन पूजा की मां मनोरमा खेडकर के खिलाफ भूमि विवाद मामले में दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा-307 जोड़ी गई थी। इसके बाद पुलिस के अनुरोध पर कोर्ट ने मनोरमा को 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा था।
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