हर साल सिविल सेवा में कुछ ऐसे उम्मीदवार भी सफलता हासिल करते हैं, जो ग्रेजुएशन तक पढ़ाई में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन कड़ी मेहनत की दम पर सिविल सेवा का सपना पूरा कर लिया. आज आपको आईएएस अफसर कुमार अनुराग की कहानी बताएंगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्रेजुएशन में वे फेल भी हुए थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया.

अनुराग का बैकग्राउंड
कुमार अनुराग बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई और 9वीं में उन्होंने अंग्रेजी मीडियम में दाखिला लिया. वह पढ़ाई को लेकर काफी सीरियस रहे और हाईस्कूल और इंटर में उनके अच्छे नंबर आए.

इसके बाद उन्हें दिल्ली के एक कॉलेज में एडमिशन मिल गया, लेकिन अनुराग पढ़ाई को लेकर बिल्कुल भी सीरियस नहीं रहे. इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा और ग्रेजुएशन में वे कई सब्जेक्ट में फेल हो गए. बड़ी मुश्किल से उन्होंने ग्रेजुएशन और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.

बेहतर रणनीति के साथ की तैयारी
जब अनुराग पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे थे उसी दौरान उन्होंने यूपीएससी में जाने का फैसला किया. इसके लिए अनुराग ने एक अनोखी रणनीति बनाई और सब कुछ शुरू से पढ़ने का फैसला किया. अनुराग ने कड़ी मेहनत की और बेहतर रणनीति के साथ अपनी तैयारी को अंजाम दिया.

उनकी रणनीति इतनी कारगर रही कि पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई, लेकिन रंग की वजह से आईएएस सेवा नहीं मिली. उनका सपना आईएएस अफसर बनने का था इसलिए उन्होंने दोबारा प्रयास किया. ऑल इंडिया में 48वां रैंक हासिल कर लक्ष्य प्राप्त कर लिया.


यह रहा सफलता का मंत्र
आईएएस अफसर कुमार अनुराग का मानना है कि अगर आप यूपीएससी सिविल सेवा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको जीरो से शुरुआत करनी होगी. वे कहते हैं कि भले ही आपका बैकग्राउंड कैसा भी रहा हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, आपको यहां पूरी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी करनी होगी.

कुमार अनुराग कहते हैं कि जल्दबाजी तैयारी के दौरान बिल्कुल नहीं दिखानी चाहिए और धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहना चाहिए. हर चीज को गहराई से पढ़ने के बाद अगर आप परीक्षा में शामिल होंगे तो निश्चित सफलता हासिल कर सकते हैं.