कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश के संस्कारधानी की बेटी स्वाति शर्मा ने यूपीएससी एग्जाम (UPSC RESULT 2022) में 15वीं रैंक लाकर न केवल जिले, प्रदेश का बल्कि देश का नाम रोशन किया है. जबलपुर की रहने वाली स्वाति शर्मा ने तीसरी बार में आईएएस एग्जाम क्लियर किया है. जबलपुर के धनवंत्री नगर में रहने वाली स्वाति शर्मा ने कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाली स्वाति शर्मा के पिता धन्नेद्र शर्मा एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में महज 15 हजार रूपए जॉब करते हैं. मिडिल क्लास से ब्लॉक करने वाली स्वाति शर्मा के पिता का सपना था कि स्वाती आईएएस बने जो आज स्वाती ने साकार कर दिया.
स्वाति शर्मा ने लल्लूराम डॉट कॉम से खास बातचीत करते हुए बताया कि आईएएस बनने के पीछे उनकी सोच समाज के पिछड़े तबके, बेबस और लाचार महिलाओं की मदद करना है. उनका मकसद था कि आईएस की जॉब में काम करने के लिए अनंत शक्तियां और बहुत बड़ा दायरा है. लिहाजा उन्होंने इस पेशे को चुना और उस पर कामयाबी भी हासिल की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद स्वाति शर्मा को जब भी लगा कि इंजीनियरिंग उनके बस की नहीं है. लिहाजा उन्होंने आईएएस बनने की ठानी और उसके लिए प्रतिदिन 10 से 12 घंटे तक कड़ी मेहनत भी की.
सोशल लाइफ से नहीं होना चाहिए कट
UPSC में 15वीं रैंक लाने वाली स्वाति शर्मा कहती है कि जब कभी आप इस तरह के एग्जाम की तैयारी करें या कोई कॉन्पिटिटिव एग्जाम फाइट कर रहे हो तो सोशल लाइफ से कभी अपने आपको अलग नहीं होना चाहिए. स्वाती शर्मा कहना है कि सोशल लाइफ, परिवार, दोस्त सबको थोड़ा थोड़ा वक्त देना चाहिए. इससे आप लाइफ में मोटिवेट भी रहते हैं और आपको ऊर्जा भी मिलती रहती है.
पहली बार एग्जाम क्लियर नहीं करने पर टूट रही थी हिम्मत
यूपीएससी में 15वीं रैंक लाने वाली स्वाति शर्मा का कहना है कि जब उन्होंने इस एग्जाम की तैयारी शुरू की थी, उस वक्त काफी कठिनाइयों को देखकर उन्हें लग रहा था कि यह उनके बस का नहीं है. स्वाति शर्मा बताती के जब वह पहली बार एग्जाम में फेल हो गई, उन्हें लगने लगा कि शायद आईएएस एग्जाम निकालना उसके बस की बात नहीं है. जब सेकेंड अटैंप में फेल हो गई थी उस वक्त भी उनकी हिम्मत टूट से गई थी, लेकिन उन्होंने अपने आप को समझाया और फिर से एक बार पूरी मेहनत और लगन के साथ अपनी गलतियों से सीख एग्जाम देकर सफलता हासिल की.
कोचिंग करने से मिला डायरेक्शन
स्वाति शर्मा ने बताया कि उनके परिवार में भी ऐसा कोई बैग्राउंड नहीं था कि कोई कोचिंग किया हो, फिर भी उन्होंने कोचिंग की. स्वाति शर्मा का कहना है कि कोचिंग से उनको बहुत सारी चीजें सीखने को मिली. उन्होंने बताया कि कोचिंग से उन्हें डायरेक्शन मिलाकर आखिर पढ़ाई कैसे और किस दिशा में करनी है.
इंजीनियरिंग के सेकंड सेमेस्टर में ही आईएएस बनने का आया ख्याल
स्वाति शर्मा का कहना है कि जब इंजरिंग की सेकंड सेमेस्टर में पढ़ाई कर रही थी, उन्हें लगने लगा था तो इंजीनियर उनके बस की नहीं है और वह उसे करना भी नहीं चाहती थी. तभी उन्होंने सोचा कि वह आईएएस का एग्जाम देगी और आईएएस बनने के बाद बहुत कुछ कर सकती है.
स्वाति शर्मा का युवाओं को संदेश
यूपीएससी में 15 की रहने वाली स्वाति शर्मा ने खास बातचीत करते हुए कहा कि कभी भी आप लाइफ में जब भी कुछ करना चाहें तो अपने आइडियल को सामने रखें और यह बात हमेशा याद रखें कि आपने जो शुरुआत की थी उसे अंजाम तक पहुंचाना है.
रिजल्ट बताते सुनाते ही रो पड़ी मां
स्वाति शर्मा ने बताया कि आज सुबह से ही रिजल्ट आने का इंतजार था लिहाजा अंदर से काफी घबराई हुई थी, लेकिन इसके बावजूद अपने पूरे परिवार को ढांढस बांधे हुए थी कि घबराने की कोई बात नहीं है. जैसे ही रिजल्ट आया स्वाति शर्मा ने सबसे पहले अपनी मां को खुशखबरी दी. जिसके बाद स्वाति शर्मा की मां की आंखों से आंसू निकल पड़े.
बेटियां बोझ नहीं होती, उन्हें बस एक चांस दीजिए
स्वाति शर्मा ने खास बातचीत करते हुए बताया कि उनके परिवार में कभी लड़का लड़की में भेदभाव जैसी वाली कोई बात नहीं थी, लेकिन कुछ रिश्तेदार अक्सर पापा को इस बात को लेकर ताने देते थे कि लड़की है कहां वह सब कर पाएगी. स्वाति शर्मा ने बताया कि कई लोगों ने उनके पिता को यह तक कहा कि बेटी की कमाई खाना चाहते हो. स्वाति शर्मा ने उन सभी मां-बाप को मैसेज दिया और कहा कि बेटियां बोझ नहीं होती, बस उन्हें एक चांस दीजिए.
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