कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. UPSC सिलेक्शन मामले में ग्वालियर ने अपनी अलग छाप छोडी है. शहर से तीन बेटियों के साथ दो बेटों ने सफलता हासिल की है. शहर की छाया ने 65वीं, मान्या ने 84वीं, आयुषी ने 97वीं रैंक हासिल कर मान बढ़ाया है. वहीं शहर के माधव अग्रवाल ने 211वीं और वैभव राठौर ने 717वीं रैंक हासिल की है.
छाया सिंह 65वीं रैंक- छाया सिंह को चौथी बार मे यह सफलता हासिल हुई. छाया अपने पिता से इंस्पायर होकर सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गई. उनके पिता छोटे सिंह भी IAS हैं और राजस्व संभाग ग्वालियर में अपर आयुक्त हैं. छाया सिंह ने 2020 में UPSC क्लियर कर महिला बाल विकास अधिकारी की पोस्ट हासिल की. फिर लगातार कड़ी मेहनत के साथ 65वीं रैंक हासिल कर सफलता पाई. छाया का कहना है कि IAS बनना एक सपना था, क्योंकि इससे पब्लिक से सीधा संवाद करने का मौका मिलता है. समाज मे बदलाव लाने में अब योगदान दे सकूंगी.
मान्या सिंह चौहान, 84वीं रैंक
ग्वालियर के पंत नगर सिटी सेंटर निवासी मान्या पुत्री रामचन्द्र सिंह चौहान ने यूपीएससी के फाइनल रिजल्ट में 84वी रैंक हासिल की है. मान्या ने अपनी पूरी पढ़ाई ग्वालियर में ही की है. केआरजी से बीकॉम करने के बाद ऑनलाइन क्लासेस ली. जब भी समय मिलता है पढ़ाई करती थीं. मान्या दो बहने हैं. बड़ी बहन मृणाली सीए हैं. पिता एमपीईबी में अकाउंटेंट हैं. पिता का सपना पूरा करने और पब्लिक सेक्टर में अपनी पहचान बनाकर लोगों के लिए अच्छा काम कर सकें इसलिए इन्होंने इस लाइन को चुना. तीसरे अटेम्प्ट में यह सफलता हासिल की.
आयुषी बंसल, 97वीं रैंक
ग्वालियर के विनय नगर निवासी आयुषी बंसल पुत्री स्व.संतोष बंसल अभी कर्नाटक कैडर में आईपीएस हैं. इनकी मां राधा बंसल एलआईसी में ऑफिसर हैं. आयुषी का यह दूसरा मौका था. इससे पहले यह आईपीएस सिलेक्टर हो चुकी हैं. यह 10वीं तक ग्वालियर पढ़ी हैं, इसके बाद दिल्ली में 12वीं की और आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएशन की हैं. आयुषी ने पिछले साल 188वीं रैंक हासिल कर IPS बनी थीं. इस बार दूसरे अटेम्प्ट में 97वीं रैंक हासिल कर IAS बनी हैं.
माधव अग्रवाल, 211वीं रैंक
ग्वालियर के दाल बाजार निवासी माधव अग्रवाल ने यूपीएससी में 211वीं रैंक हासिल की हैं. यह भी ग्वालियर के हैं और इन्होंने भी पूरी पढ़ाई ग्वालियर से की है. व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. तैयारी के दौरान माधव के पिता को कैंसर हो गया. इस कठिनाई के समय मे मेहनत कर माधव ने यह मुकाम हासिल किया.
वैभव राठौर, 717वीं रैंक
वैभव ने सेल्फ स्टडी कर यह सफलता हासिल की है. खास बात यह है कि एक बार असफल होने के बाद भी वैभव हताश नहीं हुए और तैयारी में जुटे रहे. वैभव के पिता कृष्ण कुमार राठौर केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 में शिक्षक हैं और बड़े भाई पीएचडी कर रहे हैं. ग्रेजुएशन के बाद वैभव ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. इस दौरान इंटरनेट की मदद से सेल्फ स्टडी करते हुए दूसरी बार में यह सफलता हासिल हुई.
ग्वालियर के माधव अग्रवाल ने यूपीएससी एक्जाम पास किया है. माधव पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. उनका परिवार ग्वालियर शहर का बड़ा बिजनेसमैन परिवार है. उनके यहां चाय का व्यवसाय होता है. यूपीएससी में सिलेक्शन होने पर घर में खुशि का माहौल है. माधव बचपन से ही होनहार छात्र हैं. उन्होंने पहली कक्षा से ही हमेशा पढ़ाई में टॉप किया है. उसके बाद जब CA की परीक्षा पास की तो उसमें भी अव्वल रहे, लेकिन उनके मन में देश और समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था. इसके लिए उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली. उनकी ऑल इंडिया रैंक 211 है. माधव का कहना है कि उनके दरवाजे हमेशा 24 घंटे जनता के लिए खुले रहेंगे वह भ्रष्टाचार के खिलाफ ट्रांसपेरेंसी के साथ काम करेंगे.
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