कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सोमवार को नगरीय निकाय और पंचायती राज लेखा समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में नगरीय निकाय और पंचायतों ने साल भर में किए गए खर्च का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया. समिति सदस्यों के सामने विभिन्न योजनाओं के लिए शासन से प्राप्त राशि के खर्च किए जाने और उनके समायोजन की पूरी जानकारी प्रस्तुत की गई.

इसे भी पढ़ें : जुड़वा मासूमों के हत्याकांड मामले में कोर्ट का फैसला: 3 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा, पिता HC में फांसी के लिए करेगा अपील

बैठक में जानकारी मिली कि साल 2016 से लेकर अभी तक योजनाओं मे खर्च की गई राशि का समायोजन नहीं किया गया है. इस पर महा लेखाकार (ऑडिटर जनरल) ने कई आपत्तियां दर्ज कराई थी और इसकी जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन अभी तक इन आपत्तियों का निराकरण नहीं किया गया और न ही घोटालों से संबंधित जांच पूरी की गई. इस पर लेखा समिति के वर्तमान सदस्यों ने गहरी आपत्ति दर्ज की. जिसके बाद अब राज्य शासन और ऑडिटर जनरल को इस संबंध में जानकारी भेजी जा रही है.

इसे भी पढ़ें : पश्चिम मध्य रेलवे के ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड, 110 kmph की गति से दौड़ेंगी यात्री गाड़ियां

वहीं लेखा समिति के अध्यक्ष बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने बताया कि पंचायतों और नगरीय निकायों को विकास कार्य के लिए राज्य शासन से पैसा तो बराबर मिल रहा है, लेकिन आम आदमी को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल अंग्रेजी भाषा में तैयार किया गया है, जिस वजह से आम आदमी और ग्रामीण को इस पोर्टल में दर्शाए जाने वाली योजनाओं की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है. इस वजह से राज्‍य शासन से मिलने वाली राशि को भी खर्च नहीं किया जा रहा है. लेखा समिति ने अब ई-ग्राम स्वराज पोर्टल को सामान्य हिंदी भाषा में तैयार करने का निर्णय लिया है.

इसे भी पढ़ें : MP बोर्ड 12वीं का रिजल्ट 29 जुलाई को होगा घोषित, यहां चेक करें अपना परिणाम