रायपुर. भारतीय जनता पार्टी मानती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम नगरीय निकाय चुनावों के नतीजों को लेकर अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हमारी उन्हें नसीहत है कि जनादेश के निहितार्थ को समझकर आत्मचिंतन करें कि उनके कुशासन, कुनीतियों और नेतृत्व के भटकाव के चलते एक साल में ही उनके प्रति जनसमर्थन छीनने लगा है.
पार्टी ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव नतीजों को अपनी उपलब्धियों पर मुहर बताने के बजाय मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम यह स्वीकार करें कि कांग्रेस के प्रति लोगों में नाराजगी है जिसके चलते भाजपा ने बेहतर नतीजे अर्जित किए और किसानों, गरीबों समेत सभी वर्गों के लोगों का मुखर आक्रोश गांवों की सरकार चुनते समय भी सरकार को उसकी राजनीतिक हैसियत दिखाएगा.
भाजपा जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव नतीजों में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन रहा है. एक साल के कांग्रेसी कुशासन से त्रस्त प्रदेशभर के मतदाताओं ने कांग्रेस को उसकी राजनीतिक हैसियत बता दी है. यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम के क्षेत्र में ही कांग्रेस बुरी तरह हार गई है. अपनी कथित उपलब्धियों पर वृथा गाल बजाते मुख्यमंत्री व कांग्रेस अध्यक्ष यह स्पष्ट करे कि कांग्रेस ने अपने विज्ञापन में किसानों के कर्ज माफ करने और धान खरीदी का जिक्र क्यों नहीं किया? इससे यह साफ है कि कांग्रेस बेहद खौफ में थी.
उपासने ने कहा कि भाजपा के शानदार प्रदर्शन से स्पष्ट है कि प्रदेश के शहरी व नगरीय क्षेत्र के मतदाताओं का रूझान पार्टी की ओर बढ़ा है. एक साल में विकास और जनकल्याण के काम ठप करके या उनमें अड़ंगा डालकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जिस तरह राजनीतिक दुराग्रह और प्रतिशोध की संकीर्ण सोच का परिचय दिया है, नगरीय निकाय के चुनाव नतीजे प्रदेश के संचित आक्रोश की यह पहली मुखर अभिव्यक्ति है. अब ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता भी अपना आक्रोश पंचायत चुनावों में व्यक्त करने जा रहे हैं.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता उपासने ने कहा कि पूरा साल गैर-जरूरी बातों और सियासी नौटंकियों व लफ्फाजियों में जाया कर चुकी प्रदेश सरकार नगरीय निकायों में अपनी ऐतिहासिक पराजय की आशंका से इतनी भयभीत थी कि उसे प्रदेश के मतदाताओं से महापौर-अध्यक्ष को सीधे चुनने का लोकतांत्रिक अधिकार छीनने में कोई हिचकिचाहट तक नहीं हुई. नामांकन दाखिले के आखिरी वक्त तक कांग्रेस चुनाव के लिए सारे नियमों से छेड़छाड़ करने के हथकंडों से बाज नहीं आ रही थी.
कांग्रेस ने तमाम हथकंडों के चलते भाजपा प्रत्याशियों को परेशान किया, लेकिन हमारे प्रत्याशियों व समर्पित ध्येयनिष्ठ कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं टूटा और नितांत प्रतिकूल परिस्थितियों व कांग्रेसी हथकंडों के बावजूद भाजपा ने जनसमर्थन प्राप्त कर बेहतर प्रदर्शन करके सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी है और अब गांवों की सरकार चुनते समय एक बार फिर कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी.