मानसून का मौसम जहां गर्मी से राहत देता है, वहीं बढ़ी हुई नमी और गंदगी के कारण कई बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन्स का खतरा भी बढ़ जाता है. महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा खासकर मानसून में ज्यादा होता है. आज हम आपको बतायेंगे इसके कारण और इससे बचाव के उपाय.

मानसून में UTI का खतरा क्यों बढ़ जाता है?

  • नमी और पसीना – इस मौसम में शरीर पर ज्यादा पसीना आता है और प्राइवेट पार्ट्स में नमी बनी रहती है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से पनपते हैं.
  • गीले कपड़े और गंदे वॉशरूम – भीगने के बाद गीले अंडरगारमेंट्स देर तक पहनना या सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल संक्रमण का कारण बनता है.
  • हाइजीन में लापरवाही – बरसात के दिनों में बार-बार कपड़े बदलना या साफ-सफाई में कोताही से इन्फेक्शन का रिस्क बढ़ता है.
  • कम पानी पीना – ठंडे मौसम में प्यास कम लगती है, जिससे पानी कम पीया जाता है और टॉक्सिन्स शरीर से बाहर नहीं निकलते.

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UTI से बचने के उपाय

  • स्वच्छता बनाए रखें – प्राइवेट पार्ट को साफ और सूखा रखें. गीले कपड़ों को जल्दी बदलें, खासकर अंडरगारमेंट्स.
  • पर्याप्त पानी पिएं – दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं ताकि बैक्टीरिया फ्लश आउट हो सकें.
  • कॉटन अंडरवियर पहनें – सिंथेटिक कपड़ों से नमी फंसती है, जबकि कॉटन स्किन को सांस लेने देता है.
  • पब्लिक टॉयलेट से सावधान रहें – उपयोग से पहले टॉयलेट सीट को सैनिटाइज करें या टॉयलेट सीट कवर का इस्तेमाल करें.
  • प्रोबायोटिक फूड लें – दही, छाछ जैसी चीजें अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाती हैं और इम्युनिटी को मजबूत करती हैं.
  • यूरीन रोक कर न रखें – जब भी पेशाब आए, तुरंत जाएं. पेशाब रोकने से बैक्टीरिया बढ़ते हैं.

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UTI के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

  1. यूरिन करते समय जलन या दर्द
  2. बार-बार यूरिन जाने की इच्छा
  3. पेशाब का रंग गाढ़ा या उसमें दुर्गंध
  4. पेट के निचले हिस्से में दर्द
  5. हल्का बुखार

क्या करें अगर UTI हो जाए?

तुरंत डॉक्टर से मिलें. डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक्स को पूरा कोर्स करें. घर पर आराम करें और ज्यादा पानी पिएं.