रायपुर. विकसित औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों पर संपत्तिकर के भार से मुक्ति के फैसले को लेकर उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने बताया कि राज्य शासन द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्रों / पार्को में सभी मूलभुत सुविधाएं जैसे भूमि पानी और सड़क स्ट्रीट लाईट इत्यादि सी. एस.आई.डी. सी. द्वारा प्रदान किया जाता है. उद्योग सी. एस.आई.डी. सी. की जमीन पर लीज पर है और सी. एस.आई.डी. सी. के द्वारा उद्योगो से भू-भाटक जलसंधारण शुल्क और संधारण शुल्क लिया जाता है. औद्योगिक क्षेत्र के सड़क का निर्माण और मरम्मत के साथ नाली की सफाई और स्ट्रीट लाईट की मरम्मत सी.एस.आई.डी. सी. द्वारा किया जाता है. नगर निगम द्वारा उद्योगो से संपत्तिकर की मांग समय-समय पर की जाती रही है, जो कि दोहरा कररोपण के समान है. इससे उद्योगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा था.
उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन इस संबंध में शासन और प्रशासनिक अधिकारियों से निरंतर अनुरोध करता रहा. अंततः मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास को गति देने के लिए तत्काल निराकरण का आशवासन दिया था. जिसका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर उद्योग विभाग द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगों को संपत्तिकर से मुक्त करने की ऐतिहासिक सौगात दी है. हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा किया गया. जिसका उद्योग जगत पुरजोर स्वागत करता है.
मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर उद्योगों के हित के लिए सार्थक योजनाएं बनाई गई है और ये सभी योजनाएं प्रदेश में फलीभूत हुई हैं. जिससे कि प्रदेश के औद्योगिकीकरण में एक नई क्रांति का संचार हुआ है. प्रदेश के मुखिया की सकारात्मक सोच और कर्मठता का नतीजा है कि नए उद्योगों के आने से प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ रहें हैं. जिससे राज्य का लगातार विकास हो रहा है.
अश्विन गर्ग ने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसला के लिए मुख्यमंत्री का हृदयंतर से आभार व्यक्त करते हैं. इसके साथ ही मंत्री मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा और विधायक सत्यनारायण शर्मा का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं. जिनका अतुलनीय सहयोग और मार्गदर्शन सदैव हमें प्राप्त होता रहा है. हम छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अमर परवानी का अप्रतिम सहयोग और निरंतर साथ देने के लिए कोटिशः धन्यवाद देतें है. ये फैसला प्रदेश के सभी उद्योगों को राहत देगा और जिससे प्रदेश में विकास की बहार आएगी. देश के परिपेक्ष में यह फैसला ऐतिहासिक और अनुकरणीय है.
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