उज्जैन। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की स्थापना का वक्त करीब आ गया है। मंदिर निर्माण अपने अंतिम चरण में है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी हो जाएगी। वहीं राम भक्तों को अयोध्या बुलाने के लिए पीले चावल भेजे जा रहे हैं। ऐसा ही पीले चावल से भरा एक कलश महाकाल की नगरी उज्जैन भी पहुंचा। जहां कलश का पूजन कर सबसे पहले महाकाल मंदिर ले जाया जाएगा।  इसके बाद आमंत्रण पत्र के साथ घर-घर पीले चावल वितरित किए जाएंगे।

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करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र श्री राम के मंदिर निर्माण के बाद 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम की प्रतिमाएं गर्भगृह में विराजित होगी। इसके पहले मंगलवार को अयोध्या से पीले चावल का कलश लेकर विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री विनोद शर्मा और विभाग धर्माचार्य मुकेश खंडेलवाल ट्रेन से उज्जैन पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित अन्य हिंदूवादी संगठनों ने  कलश का पूजन कर स्वागत किया और अगवानी की।

विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री अंकित चौबे ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद के 45 प्रांत के प्रमुख अयोध्या पहुंचे थे। वहां भगवान श्री राम के दर्शन कर एक कलश लेकर आएं है। इस कलश में पीले चावल है। श्री राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम 22 जनवरी को विराजित होगें। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता प्रत्येक घर जाकर पीले चावल और आमंत्रण पत्र देगें। आव्हान करेंगे कि 22 जनवरी को हिंदू सनातनी परिवार इस दिन को महापर्व के रूप में अपने घरों में मनाएं और भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या आंए। 

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रेलवे स्टेशन से कलश को श्री महाकालेश्वर मंदिर ले जाया गया। भगवान महाकाल के स्पर्श के बाद मुहूर्त अनुसार पीले चावल बांटने का काम शुरू होगा। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष महेश तिवारी, बजरंग दल के जिला संयोजक ऋषभ कुशवाह, उपाध्यक्ष महेश कुमावत, कोषाध्यक्ष संतोष धामाने, विश्व हिंदू परिषद मानव प्रांत के मीडिया प्रभारी रवि कसेरा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

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