US Army Beard Ban Controversy: अमृतसर. अमेरिकी सेना में दाढ़ी रखने पर प्रतिबंध लगाने के हालिया फैसले ने सिख समुदाय में नाराजगी पैदा कर दी है. शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया है. SGPC ने इस मामले का संज्ञान लेने और अमेरिका में मौजूद सिख संगठनों के साथ मिलकर इस नीति की वास्तविक जानकारी जुटाने का ऐलान किया है.

SGPC के सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिकी सरकार का यह फैसला दुखद और चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि इस नीति का असर सिख, मुस्लिम और यहूदी समुदायों पर पड़ सकता है, जो अपने धर्म के अनुसार दाढ़ी रखते हैं. ग्रेवाल ने जोर देकर कहा कि अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देश में सभी धर्मों की मर्यादा और आस्थाओं का सम्मान होना चाहिए. यह फैसला न केवल धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के भी खिलाफ है.

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US Army Beard Ban Controversy
US Army Beard Ban Controversy

ग्रेवाल ने कहा कि SGPC इस मामले को गंभीरता से लेगी और अमेरिका में सक्रिय सिख संगठनों से संपर्क कर इस फैसले की पूरी जानकारी जुटाएगी. उन्होंने कहा कि हालांकि व्यक्तिगत छूट के लिए आवेदन की प्रक्रिया उपलब्ध है, फिर भी यह कदम सिख समुदाय के लिए दुखद है. SGPC जल्द ही अमेरिकी सिख संगठनों के साथ मिलकर इस फैसले के खिलाफ रणनीति तैयार करेगी ताकि सिख पहचान और मर्यादा की रक्षा की जा सके.

US Army Beard Ban Controversy. SGPC ने अमेरिकी सरकार से अपील की है कि वह किसी भी धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचाए. ग्रेवाल ने कहा कि सिख समुदाय ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ऐसे में उनकी धार्मिक पहचान का सम्मान किया जाना आवश्यक है.

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